कोटा । वर्तमान में प्रदेश में कोरोना महामारी एवं लॉक-डाउन की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार, जिला प्रशासन एवं भामाशाह सतत् प्रयास कर रहे है कि जरूयतमंद व्यक्तियों को भोजन पैकेट्स, रसद सामग्री उनके घर पर ही मुहैया करवा दी जाये। वहीं कुछ सम्पन्न् परिवारों द्वारा ऑन लाइन पोर्टल पर झूठी शिकायते दर्ज करावा कर भोजन की समस्या बताया जाना सामने आया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिला रसद अधिकारी ताहिर अहमद ने बताया कि गुरूवार को सम्पर्क पोर्टल वर प्राप्त शिकायतों जब रसद विभाग की टीम उनको सामग्री पहुँचाने गई तब कुछ शिकायतकर्ताओं की आर्थिक स्थिति देखकर भौचक्क रह गई। टीम द्वारा उच्चाधिकारियों से वार्ता की गई तब उन्हें निर्देष दिये गये कि ऐसे सम्पन्न व्यक्तियों की रिपोर्ट बनाकर पृथक् से देवे तथा उनको कोई सामग्री नहीं दी जाये। गुरूवार को 5 व्यक्तियों द्वारा खाने के लिए दो दिन से भूखे होने की शिकायत की जो की झूठी पाई गई।
1. बंसत कुमार, कच्ची बस्ती पुलिस चौकी के पास।
2. कालूराम, प्रेम नगर प्रथम।
3. सलाम, मकान न0 642,कोटा।
4. आमिर खान, बी-677 प्रेम नगर
5. लेखराज, कंसुआ अर्फोडेबल आवासीय योजना
उन्होंने बताया कि उक्त सम्पन्न व्यक्तियों तथा आवष्यकता नहीं होने के बावजूद खाने के पैकेट्स की मांग 181 सम्पर्क पोर्टल पर करने के कारण जहाँ रसद विभाग को अनावष्य मशक्कत करनी पड रहीं है। इससे वास्तविक जरूरत लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। प्रशासनिक स्तर पर ऐसे व्यक्तियों को जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक है फिर भी खाद्य सामग्री के लिए झूठी षिकायते कर रहे है, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल मे लाई जा सकती है।
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