जोधपुर। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग [आईटीईसी] विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से बौद्धिक सहयोग का 20वां संस्करण के आयोजन में ऑफिस ऑफ एटॉर्नी जनरल नेपाल के अधिवक्ताओं के लिए दो सप्ताह की स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम शनिवार को संपन्न हुआ।
यह कार्यक्रम भारत और नेपाल के बीच अकादमिक, विद्वतापूर्ण और सांस्कृतिक मामलों में पारस्परिक सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कार्यक्रम के दौरान नेपाल के अधिवताओं को भूतपूर्व न्यायाधीश, अधिवक्ता, प्रशानिक अधिकारी एवं अकादमिकों द्वारा संबोधित किया गया। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के लिए अभियोजन और न्याय वितरण प्रणाली के विभिन्न प्रासंगिक मुद्दों पर व्याख्यान आयोजित किए गए।
स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान प्रतिभागियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय, मेहरानगढ़ किला,उम्मेद भवन महल, जसवंत थड़ा, नागौर किला, आफरी, जोधपुर, ओसियां डेजर्ट सफारी, सालावास और सुरपुरा सहित शैक्षणिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रासंगिकता के विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया।
राजस्थान उच्च न्यायालय में अधिवक्ताओं को उपस्थित अधिकारियों द्वारा भवन के वास्तुकला से संबंधित बारीकियों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं से अवगत कराया गया। इस दौरान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार भी मौजूद रहें। ओसियां डेजर्ट सफारी के दौरान उपखंड अधिकारी ओसियां प्रतिभागियों के साथ उपस्थित रहें। नागौर भ्रमण के दौरान अधिवक्ताओं ने आयुध अधिनियम पर जिला अधिकारी, नागौर के व्याख्यान में हिस्सा लिया। साथ ही माचिया जैविक उद्यान में उन्हें राजस्थान के प्रवासी पक्षियों पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया।
प्रतिनिधियों ने सूरपुरा गांव का शैक्षणिक भ्रमण भी किया गया। इस गाँव को 2016 में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिया गया था। तब से गाँव और ग्रामीणों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिए विश्वविद्यालय कई गतिविधियाँ संचालित कर रहा है। स्मार्ट विलेज पहल के तहत सुरपुरा को ग्रामीण विकास के मॉडल के रूप में पेश करने की यह विश्वविद्यालय की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके तहत प्रतिनिधियों को सामुदायिक पुस्तकालय दिखाया गया जो 2022 में सुरपुरा पंचायत और विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास के परिणाम स्वरूप स्थापित किया गया है। साथ ही प्रतिनिधियों को प्रोजेक्ट उन्नति के बारे में बताया गया जिसके तहत सुरपुरा के विद्यार्थियों के लिए विशेष ऑडियो विजुअल क्लासेस संचालित की जा रही हैं। प्रतिनिधियों को अन्य पहलों जैसे खेल मैदान, पंप हाउस और नंदी शाला की स्थापना के बारे में भी बताया गया। इन सभी पहलों के पीछे का उद्देश्य गांव के विभिन्न वर्गों और आयु समूहों के समग्र और सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है।
कार्यक्रम के समापन समारोह में कुलपति, प्रो.(डॉ) पूनम सक्सेना, रजिस्ट्रार वंदना सिंघवी, एवं डीन फैकल्टी ऑफ लॉ प्रो आईपी मेसी,नेपाल के एटॉर्नी जनरल के ऑफिस के प्रमुख अधिकारी ज्ञानेंद्र नेपाल एवं मोहन सागर बासियाल उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के कार्यान्वयन की अध्यक्षता पाठ्यक्रम निदेशक और मुख्य समन्वयक डॉ रोज़मी ज़ोन, डॉ रोहन चेरियन थॉमस, डॉ. मनीषा मिर्धा, एवं डॉ. नीति माथुर ने किया। कुलपति प्रो सक्सेना ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन पर प्रतिनिधियों को बधाई दी। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्र राजेश रंजन, वृंदा नरगस, श्रुति महेश्वरी एवं तृतीय वर्ष के छात्र पूजा राजावत, मिहिर निगम, शरद पवार, भुवनेश कुमार एवं जयम झा ने सक्रिय भूमिका निभाई।
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