जोधपुर। कला एवं संस्कृति विभाग और जवाहर कला केन्द्र की ओर से उम्मेद उद्यान स्थित जनाना बाग में चल रहा तीन दिवसीय राजस्थान साहित्य उत्सव (साहित्य कुंभ-2023) रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ सम्पन्न हो गया। शब्दों की प्रतिध्वनि, सुनहरे बिम्बों की चमक-दमक, साहित्य से जुड़ी बहुरंगी संवाद श्रृखलाओं की गूंज, तालियों की गड़गड़ाहट और साहित्य के लिए व्यापक प्रयासों में जुटते हुए राजस्थान के साहित्य जगत को और अधिक उत्कर्ष पर लाने के लिए उत्तरोत्तर सहभागिता विस्तार के संकल्पों के साथ यह यादगार आयोजन आशातीत सफलताओं के साथ पूर्ण हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस उत्सव में साहित्य के समसामयिक मुद्दों को मंच ने सबके सामने रखा। साहित्यिक गतिविधियों के साथ ही इस उत्सव ने सांस्कृतिक गतिविधियों की रंग-बिरंगी छटा भी देखी। विभिन्न अकादमियों व जिला प्रशासन ने उत्सव के सफलता में अहम योगदान निभाया।
सुरीले साजों की जुगलबंदी ने जीता दिलः
राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा, लोकगायिका इला अरुण और अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे। समारोह में रंगारंग प्रस्तुतियों के जरिए राजस्थान की इन्द्रधनुषी लोक संस्कृति की झलक प्रस्तुत की गई। साबिर खान एंड ग्रुप ने प्रस्तुति ड्रम्स ऑफ राजस्थान में विभिन्न वाद्ययंत्रों की अनोखी जुगलबंदी पेश की। मंच पर एक साथ कई साजों के साथ कलाकारों ने सुंदर सरगम पेश करके दर्शकों का दिल जीत लिया। इनमें हारमोनियम, भपंग, मशक, नगाड़े, अलगोजा, शंख, मोरचंग, सुरंदा, मंजीरे, ढोल, खड़ताल, चंग समेत अन्य वाद्ययंत्र बजाए गए। इला अरुण भी खुद को गाने से नहीं रोक पाई। मंच पर जयपुर घराने की कथक की प्रस्तुति दी गई।
उत्सव में तीन दिन जुटा रहा शहरः
तीन दिवसीय साहित्य उत्सव में विभिन्न विषयों पर कई संवाद सत्र किए गए। कवि सम्मेलन, मुशायरा, राजस्थानी कवि सम्मेलन का देखने वालों ने भरपूर आनंद लिया। उत्सव के दौरान जनाना बाग में शहरवासी उमड़ पड़े। हस्तशिल्प, पुस्तक मेला समेत अन्य आयोजन भी आकर्षण का केंद्र बने रहे।
ऐसे आयोजनों के सतत प्रयास होंगेः प्रियंका जोधावत
जवाहर कला केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक व राजस्थान साहित्य उत्सव की नोडल अधिकारी प्रियंका जोधावत ने राजस्थान साहित्य उत्सव के सफल आयोजन पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि साहित्य और कला के विकास के लिए इस तरह के उत्सव आयोजन का सतत प्रयास किया जाएगा। जवाहर कला केंद्र कला और कलाकारों के उत्थान के लिए समर्पित है।
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