जोधपुर। जोधपुर की अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अदालत ने स्वघोषित आध्यात्मिक गुरू आसाराम बापू के खिलाफ वर्ष 2013 में राजस्थान स्थित उनके आश्रम में एक नाबालिग लडक़ी के साथ दुष्कर्म करने के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में फैसला एससी/एसटी मामलों के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल में सुनाया। आसाराम इसी जेल में बंद है। आसाराम को रियायत देने से इनकार करते हुए जज मधुसूदन शर्मा ने कहा कि उनका अपराध घिनौना है। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा, वो जब तक जिंदा है तब तक उसे जेल में ही रहना होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक फैसला सुनते ही आसाराम फूट-फूटकर रोने लगा और अपनी पगड़ी उतार दी। वह करीब 10 मिनट तक कुर्सी पर बैठा रहा। सजा सुनाए जाने के बाद उसे बैरक-2 में ले जाया गया। जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी एससी/एसटी विशेष अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं, अन्य दोषी शिल्पी और शरदचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई। जबकि अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया। अदालत ने पॉक्सो और एससी-एसटी ऐक्ट समेत 14 धाराओं में आसाराम को दोषी करार दिया।
आसाराम की तमाम दलीलें नही आई काम
आसाराम के वकीलों ने सजा कम करवाने के लिए तमाम दलीलें दीं, लेकिन वह काम न आईं। एससी-एसटी कोर्ट के विशेष जज मधुसूदन शर्मा की अदालत में आसाराम के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल को कम से कम सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि उनकी उम्र अधिक है। 2013 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद आसाराम की आयु फिलहाल 78 वर्ष के करीब है। अपराध के दौरान उनकी आयु 74 वर्ष थी। ऐसे में उनके वकीलों का कहना था कि आसाराम की आयु काफी अधिक है और इसके मद्देनजर उन्हें 10 वर्ष से कम की सजा दी जानी चाहिए।
हालांकि पीडि़ता के वकीलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आसाराम को कड़ी से कड़ी सजा जाए। लेकिन, लंच के बाद दोबारा शुरू हुई अदालत की कार्यवाही में विशेष जज मधुसूदन शर्मा ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद आसाराम का आजीवन कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोषी करार दिए गए शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 की सजा सुनाई गई।
फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में करेंगे अपील
आसाराम की सजा के ऐलान के बाद उनकी प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा, मीडिया ट्रायल के बाद उन्होंने (आसाराम ने) इतने झटके खा लिए हैं कि अब झटके भी उनसे झटकने लगे हैं। उन्होंने कहा, हमारी लीगल टीम ने अब तक फैसले का अध्ययन नहीं किया है। टीम के अध्ययन करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
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