तत्कालीन डीएसओ निर्मला मीणा पर आरोप है कि उनके कार्यकाल में लगभग पैंतीस
हजार क्विंटल गेहूं गलत तरीके से वितरित किया गया था। एसीबी ने अपनी जांच
में पाया था कि तत्कालीन डीएसओ मीणा ने सिर्फ मार्च 2016 में तैंतीस हजार
परिवार नये जोड़े और उच्चाधिकारियों को स्वयं की ओर से प्रेषित रिपोर्ट में
अंकित कर 35 हजार 20 क्विंटल गेहूं अतिरिक्त मंगवा लिया था। नये परिवारों
को ऑनलाइन नहीं किया गया। फिर मीणा ने आठ करोड़ रुपए का अतिरिक्त गेहूं का
आवंटन करवा लिया। ठेकेदार सुरेश उपाध्याय व स्वरूपसिंह राजपुरोहित की आटा
मिल भिजवा दिया था। करोड़ों रुपए का गबन की जांच के बाद राज्य सरकार ने
आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा को निलम्बित कर दिया था। बाद में आटा मील मालिक
स्वरूपसिंह राजपुरोहित ने भी पूछताछ में कबूल किया था कि उसने 105 ट्रक
में दस हजार पांच सौ 500 क्विंटल गेहूं काला बाजार में बेचा है। ये भी पढ़ें - ...और टोटके से दूर हो गया जानवरों का रोग!
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