जोधपुर। शांति एवम् अहिंसा निदेशालय एवम् जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर का रविवार को समापन हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गांधी जीवन दर्शन समिति के संयोजक डॉ.अजय त्रिवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 मार्च शनिवार को प्रातः 10 बजे गांधी दर्शन पर आधारित प्रशिक्षण शिविर का आगाज कांकाणी स्थित संत राजाराम आश्रम में गांधीवादी विचारक डॉ.सतीश राय एवम् मनोज ठाकरे, के द्वारा गांधीजी की तस्वीर पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ आरम्भ हुआ।
शिविर में योगाभ्यास, प्रार्थना सभा, सांकृतिक कार्यक्रमों सहित गांधी दर्शन पर प्रशिक्षण दिया गया जिसमें जोधपुर जिले के विभिन्न उपखंडों एवम् नगर निगम व पालिकाओं से आये आठ सौ पचास प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।
समिति के सहसंयोजक शिवकरण सैनी ने बताया कि प्रथम दिन गांधीवादी विचारक सतीश राय एवम् मनोज ठाकरे ने गांधी जी के स्वर्णिम इतिहास पर चर्चा की वहीँ जिला परिषद के एडिशनल सी ओ गणपत सुथार, लूणी एस डी एम पुखराज कंसोटिया, महिला बाल अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक परसराम एवम् सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग के अधिकारी रमेश चन्द्र पंवार ने जनहित में संचालित राजकीय योजनाओं एवम् कार्यक्रमों की जानकारी दी।
इसी क्रम में जानकारी देते हुए सैनी ने बताया कि शिविर का समापन 26 मार्च को सांय 4 बजे हुआ जिसमें विचार व्यक्त करते हुए संभागीय आयुक्त कैलाश चन्द्र मीणा ने कहा कि गांधी जी के सिद्धांतों व बताये गए मूल्यों का व्यवहारपरक उपयोग ही इस शिविर को प्रासंगिक बनाएगा। उन्होंने कहा कि समाज में बढ़ते हुए नशे की लत पर अंकुश लगाने के लिए हम सबको आगे आना होगा, प्रशिक्षण में आई महिलाओं को कहा कि अगर किसी के घर में कोई नशे की लत का शिकार है तो उस घर की महिला को आगे आकर उस लत को छुड़ाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी महिला इस प्रयास में आगे आती है तो मैं आवश्यकता होने पर मैं उसके साथ खड़ा मिलूँगा।
सत्य एवम् अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम पूरे राज्य में गांधी एक्टिविस्ट्स के साथ गांधीवाद का सशक्त प्रचार प्रसार कर माननीय मुख्यमन्त्री श्री अशोक गहलोत की भावनानुसार प्रदेश में गांधीवादी विचारधारा की नीव को और अधिक मजबूत करेंगें।
जिला परिषद् की सीओ अभिषेक सुराणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस देश के हर शिक्षित युवा को गांधी विचार का ज्ञान होना जरूरी है, इस आशय से उन्होंने इस अवसर पर युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी को गांधी दर्शन सम्बंधी प्रमुख साहित्य सत्य के साथ मेरे प्रयोग व हिन्द-स्वराज को नियमित रूप से पढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक डॉ.अजय त्रिवेदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि साहस विवेक संयम जैसे सद्गुणों से मानव चरित्र अहिंसात्मक संघर्ष के बल की उत्पति होती है जिससे अन्याय के विरुद्ध सविनय अवज्ञा की शक्ति का उदय होता है, उन्होंने कहा कि गांधी कोई घटना नहीं है अपितु व्यावहारिक दर्शन है जिसके अनुरूप जीवन व्यतीत करने से उच्चतम चरित्र का निर्माण होता है।
सह संयोजक सैनी ने कहा कि गांधी जी के पथ पर चलने से सफलता मिलती है। इस आशय से उन्होंने अपने युवा क्लब का उदाहरण देते हुए उसे राष्ट्रीय अवार्ड से नवाजे जाने के पीछे गांधीवाद की शक्ति को बताया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रश्नावली नामक कार्यक्रम में गांधी दर्शन सम्बंधी प्रश्नों को पूछा गया एवम् सही जवाब देने वालों को सत्य के साथ मेरे प्रयोग पुस्तक बतौर पारितोषिक दी गई।
सभी प्रशिक्षणार्थियों को जिला प्रशासन द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र भी दिया गया।
प्रशिक्षण शिविर में बहुत बड़ी संख्या में आये प्रशिक्षणार्थियों का उत्साह देखने योग्य था।
डॉ.त्रिवेदी ने बताया की शीघ्र ही इस प्रकार का प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला प्रशासन के सहयोग से उपखण्ड स्तर पर भी आयोजित किये जायेंगें।
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