|
जोधपुर। राजस्थान इन दिनों विस्फोटक बरामदगी की घटनाओं से थर्राया हुआ है। जयपुर के बस्सी इलाके में 2000 किलो से अधिक विस्फोटक मिलने के महज तीन दिन बाद अब ब्लू सिटी जोधपुर से और भी बड़ी खबर आई है। जोधपुर पुलिस ने एक गोपनीय सूचना के आधार पर छापेमारी कर करीब 3,500 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी यासीन अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे पूछताछ जारी है।
यह बरामदगी महज एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश की आहट मानी जा रही है। ऐसे समय में जब भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य और कूटनीतिक तनाव चरम पर है, इस तरह के घटनाक्रम राज्य और देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कैसे हुआ खुलासा?
सूत्रों के मुताबिक, जोधपुर के उदयमंदिर थाना क्षेत्र में पुलिस को बीती रात एक गुप्त सूचना मिली कि इलाके के एक गोदाम में बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जमा की गई है। इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम मौके पर पहुंची और गोदाम की तलाशी ली गई। छापे के दौरान जो सामने आया, वह किसी को भी चौंका देने के लिए काफी था।
बरामद विस्फोटक सामग्री में शामिल थे, जिनमें 70 बोरे अमोनियम नाइट्रेट, करीब 760 किलो पटाखे, अन्य विस्फोटक रसायन और सामग्रियां थीं।
प्रथम दृष्टया यह साफ है कि इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक किसी औद्योगिक या वैध उपयोग के लिए नहीं रखे गए थे, क्योंकि इसके लिए न कोई वैध अनुमति थी और न ही सुरक्षा इंतज़ाम।
कौन है यासीन अंसारी? क्या है उसका मकसद?
गिरफ्तार आरोपी यासीन अंसारी की पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में वह विस्फोटक के उपयोग के बारे में गोलमोल जवाब दे रहा है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या यासीन किसी आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है?
क्या वह इन विस्फोटकों का उपयोग चुनाव, त्योहार या किसी बड़े आयोजन के दौरान करना चाहता था? या फिर यह कोई अंतरराज्यीय विस्फोटक तस्करी का मामला है?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यासीन अंसारी पहले भी पटाखों से जुड़े कारोबार में सक्रिय था, लेकिन इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक रखना पूरी तरह गैरकानूनी है।
जोधपुर की यह बरामदगी इसलिए भी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि महज तीन दिन पहले जयपुर के बस्सी इलाके में भी करीब 2000 किलो विस्फोटक जब्त किया गया था। उस मामले में आरोपी मौके से फरार हो गया था। जयपुर पुलिस इस मामले की जांच स्पेशल एजेंसी के हवाले कर चुकी है।
जोधपुर पुलिस कमिश्नर राजेन्द्र सिंह ने इस बरामदगी को बड़ी सफलता बताया है और संकेत दिए हैं कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे एटीएस (Anti Terrorist Squad) और राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा को सौंपा जा सकता है।
उन्होंने कहा, "शहर की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अगर इस मामले में आतंकी एंगल सामने आता है, तो केंद्रीय एजेंसियों को भी अलर्ट किया जाएगा।"
इसके अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी इस केस पर नजर बनाए हुए हैं। जांच में अगर कोई अंतरराष्ट्रीय लिंक मिला तो एनआईए (National Investigation Agency) को भी जांच सौंपी जा सकती है।
अमोनियम नाइट्रेट : सामान्य रसायन या मौत का सामान?
बरामद विस्फोटक सामग्री में अमोनियम नाइट्रेट सबसे प्रमुख है। यह एक सामान्य उर्वरक है, लेकिन उचित रसायनों और ईंधन के साथ मिलाकर इसे खतरनाक विस्फोटक में बदला जा सकता है।
यही रसायन हैदराबाद ब्लास्ट (2007), दिल्ली सीरियल ब्लास्ट (2008) और बेहरामपुर बम विस्फोट (2010) जैसे कई आतंकी हमलों में इस्तेमाल किया जा चुका है। इसका खुला बाजार में मिलना और भारी मात्रा में संग्रहित होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
राजनीतिक हलचल और विपक्ष के सवाल
घटना के बाद प्रदेश की राजनीति भी गर्म हो गई है। विपक्ष ने सत्तारूढ़ दल से सवाल पूछना शुरू कर दिया है कि आखिर इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक शहरों के बीच कैसे पहुंच रहे हैं? क्या खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए कहा, "पुलिस की तत्परता से बड़ी घटना टल गई, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो चुकी है।"
ट्रंप का G7 की बैठक से जल्दी निकलने से इनकार, मैक्रों को बताया 'पब्लिसिटी चाहने वाला'
यूपी विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के साथ लड़ेंगे : अखिलेश यादव का ऐलान
अश्विनी वैष्णव ने मानेसर में भारत के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल का उद्घाटन किया
Daily Horoscope