ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जोधपुर,। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने प्राचीन कृषि ज्ञान और परम्पराओं को आधुनिक एवं उन्नत तकनीक से जोड़कर भारत को सुदृढ़, संपन्न और विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी समर्पित सहभागिता से आगे आने का आह्वान किया है।
मिश्र ने शनिवार को कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के डॉ. पी. जोशी सभागार में विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता करते हुए यह उद्गार व्यक्त किए।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने दीक्षान्त समारोह में 154 उपाधियों का वितरण किया। इनमें 130 स्नातक, 23 स्नातकोत्तर एवं 1 विद्या वाचस्पति उपाधि शामिल है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने कृषि संकाय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 7 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने दीप प्रज्वलित कर दीक्षान्त समारोह का शुभारंभ किया। श्री कलराज मिश्र ने संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्त्तव्यों का वाचन किया।
राज्यपाल ने किया संविधान उद्यान का शिलान्यास
इस अवसर पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालय प्रांगण मे नवीन संविधान उद्यान का वर्चुअल शिलान्यास किया।
पुस्तिकाओं का विमोचन
राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कृषि, कृषि अभियांत्रिकी एवं डेयरी प्रौद्योगिकी संकाय की सूचना पुस्तिका, पाठ्यक्रम तथा नीबू की लाभप्रद बागवानी पुस्तिका का विमोचन किया।
आम किसानों तक पहुंचाएं ज्ञान और अनुभवों का लाभ
राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कृषि शिक्षा से जुड़े लोगों की भूमिका को अहम् बताते हुए अपने ज्ञान और अनुभवों का लाभ आम किसान तक पहुंचाकर लाभान्वित करने का आह्वान किया है।
उन्होंने शिक्षण, अनुसंधान और प्रसार को कृषि शिक्षा का मूलाधार बताते हुए कहा कि यह शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिससे खेतों पर काम करने वाले हमारे किसानों को प्रत्यक्ष रूप में लाभ मिले। इसके साथ कृषि के माध्यम से देश में सभी स्तरों पर सम्पन्नता लाने के लिए शोध को बढ़ावा दिए पर बल दिया।
सरकार की नीतियों से किसानों को लाभान्वित करें
मिश्र ने केन्द्र और राज्य सरकार की नीतियों का अधिकाधिक लाभ किसानों तक पहुंचाने, हितकारी शोध की उन तक पहुंच और उन्नत कृषि के लिए मार्गदर्शनपरक प्रसार शिक्षा को गति दिए जाने का आह्वान किया। इसके साथ ही श्री मिश्र ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं संवर्द्धन कर गुणात्मक नवाचार पर ध्यान देने की आज विशेष आवश्यकता है।
कृषि से जुड़े स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन दें
राज्यपाल महोदय ने वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा के मौजूदा दौर में कृषि शिक्षा के अतंर्गत कृषि उत्पादों के विपणन और ब्रांडिंग से जुड़े नवाचारों पर फोकस करने पर बल देते हुए कहा कि आज ग्रामीण उद्यमिता जागरूकता विकास योजना से जुड़े पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके लिए विद्यार्थियों में उद्यमिता के गुणों के विकास की दिशा में विश्वविद्यालय अधिकाधिक कार्य करें। विद्यार्थियों को कृषि विपणन, किसान मार्गदर्शन से जुड़े स्टार्ट-अप के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि वे स्वयं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही दूसरों के लिए भी रोजगार उपलब्ध कराने का सामर्थ्य विकसित कर सकें।
मोटे अनाजों को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाएं
राज्यपाल मिश्र ने मोटे अनाज के उत्पादन, भंडारण और विपणन से जुड़े कार्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय राज्य और केन्द्र सरकार के सम्बन्धित संस्थाओं और विभागों के साथ सामंजस्य स्थापित कर ऐसी कार्य-योजनाएं बनाएं जिससे हमारे प्रदेश के मोटे अनाजों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले। इस दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा बाजरा व अन्य मोटे अनाजों के संवर्द्धन, प्रोत्साहन व नवीनतम तकनीकी जानकारी हेतु कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के अंतर्गत 5 करोड़ रुपए की लागत से ‘सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फोर मिलेट्स’ की स्थापना को अच्छी पहल बताते हुए इसकी सराहना की।
बिहार : महागठबंधन में कई सीटों को लेकर नहीं बन रही बात
घोषणापत्र को मंजूरी देने के लिए कांग्रेस कार्य समिति की बैठक,हो सकती है उम्मीदवारों की घोषणा
एल्विश यादव की जमानत की अर्जी लगाने में जुटे वकील
Daily Horoscope