जोधपुर। नाबालिग से बलात्कार के मामले में बुधवार को जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। फैसले के बाद पीडि़ता के पिता ने संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि अब हमें इंसाफ मिला है। पीडि़ता के पिता ने कहा कि इस सजा से दुराचारियों को संदेश जाएगा कि किसी की बेटी की इज्जत पर हाथ डालोगे तो बचोगे नहीं। इस सजा का ऐलान होते ही पीडिता के पिता मीडिया के सामने आए और साथ देने वालों को धन्यवाद दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फैसले के बाद पीडि़ता के पिता ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमें खुशी है कि न्याय मिला। उन्होंने कहा कि परिवार लगातार दहशत में जी रहा था और इसका उनके व्यापार पर भी काफी असर पड़ा। सजा के ऐलान के बाद पीडि़ता के पिता ने कहा, मुझे जान की परवाह नहीं। मुझे न्याय मिल चुका है। मर भी गया तो संतुष्टि होगी। मेरी बेटी ने भी सभी लोगों को धन्यावाद कहा है। न्यायपालिका और वकीलों को भी धन्यवाद कहा है। सब ईश्वर की कृपा है। इस दुराचारी को उम्रकैद मिल गई है यही हमारे लिए मुआवजा है। ऐसे दो चार दुराचारियों को फांसी हो जाएगी तो आगे रेप की घटनाएं नहीं घटेंगी।
आसाराम को उम्रकैद, शिल्पी-शरद को 20 साल की सजा-
स्वयंभू संत आसाराम बापू के खिलाफ दुष्कर्म
का आरोप लगने के पांच साल बाद जोधपुर की अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति
अदालत ने 2013 के इस मामले में बुधवार को उन्हें दोषी करार दिया। दोषी करार
दिए जाने के बाद ही कोर्ट ने आज ही सजा का भी ऐलान कर दिया है। नाबालिग से
रेप के मामले में कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दो
दोषियों शिल्पी और शरद को बीस-बीस साल कैद की सजा सुनाई है। फैसला आने के
बाद आसाराम सिर पकडक़र रोने लगा। कोर्ट के अहम फैसले से यह तो साफ हो गया है
कि अब आसाराम कभी जेल से बाहर नहीं आ पाएगा। जज ने कहा, आसाराम मौत तक जेल
में रहेगा।
न्यायाधीश मधुसूदन ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में
जोधपुर केंद्रीय कारागर के अंदर अपना फैसला सुनाया। आसाराम इसी जेल में बंद
हैं। इससे पहले आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376, यौन अपराध बाल
संरक्षण अधिनियम (पोस्को) और किशोर न्याय अधिनियम (जेजे) के तहत दोषी
ठहराया गया। अदालत ने शिल्पी (आश्रम की वार्डन) और शरद को भी दोषी ठहराया
है, जबकि शिवा और प्रकाश को इस मामले में बरी कर दिया है। दोपहर करीब ढाई
बजे जज ने आसाराम, शिल्पी और शरद को सजा सुनाई। आसाराम को उम्रकैद की सजा
सुनाई गई है और शिल्पी-शरद को बीस साल कैद की सजा सुनाई गई है।
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