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जोधपुर। फैमिली कोर्ट जोधपुर के पीठासीन अधिकारी दलपतसिंह राजपुरोहित ने एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाते हुए 12वीं पास बेरोजगार पति को अपनी बीएडधारी पत्नी और उनके दो बच्चों को 12,000 रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। यह फैसला उन परिस्थितियों में आया जब पत्नी ने घरेलू प्रताड़ना और बच्चों की भरण-पोषण की जिम्मेदारी के लिए कोर्ट में गुहार लगाई।
मामले के मुताबिक वेणु पंवार (42) ने बताया कि वर्ष 2013 में उनकी शादी महेंद्र सिंह सांखला (52) के साथ हुई थी। शादी के बाद उनके दो बच्चों का जन्म हुआ। लेकिन पति द्वारा कम दहेज लाने का ताना देकर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई, जिसके कारण पत्नी और बच्चों को घर से निकाल दिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महेन्द्र सिंह ने अपने पक्ष में दलील देते हुए कहा कि वह केवल 12वीं पास है और बेरोजगार है। वहीं, पत्नी बीएड डिग्रीधारी होने के कारण खुद आय अर्जित कर रही है। लेकिन कोर्ट ने पति की इन दलीलों को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने माना कि पति का कर्तव्य है कि वह अपने पत्नी और बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करे, चाहे वह बेरोजगार हो या नहीं। कोर्ट ने महंगाई के वर्तमान स्तर और जीवनयापन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया।
यह फैसला न केवल महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों से बचने का कोई बहाना स्वीकार्य नहीं है।
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