झुंझुनूं। सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन प्रेमसिंह बाजौर ने सैनिक सम्मान यात्रा के दौरान झुंझुनूं के शहीद परिवारों से घर-घर जाकर मुलाकात की। इसी क्रम में झुंझुनूं में बुधवार को अपने पांचवें दिन की यात्रा उन्होंने ढिगाल गांव से शुरू की। उन्होंने शहीद नत्थूसिंह के परिवार से मुलाकात की और उनका दुख दर्द सुना। इस मौके पर उनके साथ मंडावा विधायक नरेंद्र कुमार, अलसीसर प्रधान गिरधारीलाल खीचड़ तथा नवलगढ़ प्रधान गजाधर ढाका भी मौजूद थे। इस मौके पर बातचीत करते हुए बाजौर ने कहा कि शहीदों की मूर्तियां नहीं लगने के कई मामले सामने आए हैं। जिनके लिए सरकार सक्रिय है।
उन्होंने कहा कि सरकार मूर्तियों का खर्च नहीं उठा सकती, लेकिन झुंझुनूं में स्थानीय स्तर पर 10 सदस्यों की कमेटी गठित की जा रही है, जिससे शहीदों की मूर्तियां लगाने का भार परिवार पर नहीं पड़े। इसके लिए विधायकों से संपर्क साधेंगे और जनसहयोग से पैसा एकत्र कर मूर्ति लगवाने और स्मारक बनवाने का काम करेंगे। ढिगाल के अलावा बाजौर ने नूआं के शहीद राजेंद्रसिंह, शहीद सबीर खान, शहीद शंकरलाल, भोजासर के शहीद शंकरसिंह, लाडसर के शहीद मोहनलाल, फूसखानी के शहीद नाथू राम, जांटवाली के शहीद महेंद्रसिंह, किसारी के शहीद महिपाल एवं सुल्तानसिंह, मीठवास के शहीद संतपाल एवं शहीद शीशपाल, मंडावा के शहीद रामेश्वरलाल, पीपल का बास के शहीद किरोड़ीमल, टोडरवास के शहीद भानीसिंह एवं धनसिंह, कोलाली के शहीद सुमेरसिंह एवं टांईं के शहीद मेजर आरएस शेखावत के घर जाकर उनकी शहीद वीरांगनाओं का सम्मान किया तथा परिवार की समस्याओं को जाना।
बाजौर ने शहीद परिवारों को आश्वासन दिया कि जहां भी शहीद का प्रतिमा स्थल नहीं बना हुआ है, वहां पर सरकारी जमीन आवंटित करवाकर प्रतिमा स्थल बनाया जाएगा। शहीद सम्मान यात्रा के दौरान शहीदों का प्रतिमा स्थल बनाने, राजकीय विद्यालयों का नामांकन शहीद के नाम करने, हथियारों के लाइसेंस का नवीनीकरण करने सहित कई समस्याएं शहीद परिवारों एवं ग्रामीणों ने राज्य मंत्री के सामने रखी।
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