झुंझुनू। श्री जगदीश प्रसाद झाबरमल टीबड़े वाला विश्वविद्यालय (जेजेटी) के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। "इमर्जिंग इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन" विषय पर आधारित इस आयोजन का उद्देश्य उभरती हुई इंजीनियरिंग तकनीकों और इनोवेशन पर चर्चा करना था।
जेजेटी यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. विनोद टिबड़ेवाला ने सेमिनार के उद्घाटन सत्र में कहा कि इस प्रकार के सेमिनार से वैश्विक स्तर पर विचारों का आदान-प्रदान संभव हो पाता है। उन्होंने टेक्नोलॉजी के इस युग की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे डिजिटल माध्यमों से दूर-दराज बैठे हुए भी हम ज्ञान साझा कर सकते हैं। विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट डॉ. देवेंद्र सिंह ढुल ने कहा कि इस तरह के सेमिनारों से शोधकर्ताओं को नए विचारों और ज्ञान से अवगत होने का अवसर मिलता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कार्यक्रम में संपदा निदेशक इंजीनियर बी. के. टिबड़ेवाला, रजिस्ट्रार डॉ. अजीत कुमार, और सेमिनार समन्वयक डॉ. मधु गुप्ता ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। सेमिनार में अंतर्राष्ट्रीय वक्ता डॉ. कुसुम यादव और राष्ट्रीय वक्ता डॉ. राजेश शंकर व डॉ. आशीष नारायण ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
सेमिनार में कुल 230 शोधकर्ताओं ने भाग लिया, और 80 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. नितीश कुमार गौतम, डॉ. राहुल बुडानिया, डॉ. कैलाशपति पूनिया, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. विकास कुमार, डॉ. इरफान कलाल, डॉ. तौफीक कुरैशी, डॉ. मुनेश, अजय कुमार और आरती पवार शामिल थे। सेमिनार का संचालन डॉ. नाजिया हुसैन ने किया।
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