जैसलमेर। परमाणु परीक्षण पर बन रही फिल्म ‘परमाणु-द स्टोरी ऑफ पोकरण’ का पहला पोस्टर बाजार में आ गया है। पोस्टर में परमाणु टेस्ट पॉइंट के साथ पश्चिमी भारत का कुछ हिस्सा नक्शे में दिखाया गया है। आश्चर्य की बात यह है कि शक्तिस्थल खेतोलाई जहां परमाणु परीक्षण किया गया, उसका नाम फिल्म के पोस्टर पर दिखाए नक्शे में कहीं नजर नहीं आया। सूत्रों की मानें तो पूरी फिल्म में शक्तिस्थल खेतोलाई का कहीं जिक्र भी नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शक्तिस्थल खेतोलाई इस परमाणु परीक्षण से काफी प्रभावित हुआ था और कहते हैं कि इस प्रभाव से क्षेत्र में कैंसर सहित कई तरह की बीमारियां, फसलों का नुकसान, घर-मकानों में दरारें, जहरीली विशुद्ध हवा से पशुओं और जानवरों की मृत्यु सहित क्षेत्र के लोगों ने कई तरह के नुकसान उठाए हैं। परमाणु परीक्षण का मुख्य बिंदु खेतोलाई ही था, इसलिए उसका नाम शक्तिस्थल से भी जाना जाने लगा। खेतोलाई के अलावा सबसे नजदीकी गांव चाचा, ओढ़ानिया, गोमट, लोहारकी और रामदेवरा भी इस परीक्षण से काफी प्रभावित हुए थे। इन सभी गांवों को नक्शे से गायब कर दिया है। शक्तिस्थल को नजरअंदाज करना अपमानजनक है, जिससे क्षेत्र के लोगों में काफी रोष हैं।
शक्तिस्थल के युवा नेता मंठार अली मेहर ने बताया कि परमाणु परीक्षण पर बन रही फिल्म में शक्तिस्थल को नजरअंदाज करना आश्चर्यजनक है और यह निर्देशक और फिल्म निर्माताओं की सबसे बड़ी गलती है। इसके खिलाफ हम कानून का सहारा लेकर कारवाई करेंगे और शक्तिस्थल को नजरअंदाज करने का विरोध करेंगे।
सक्रिय नेता रामप्रताप विश्नोई फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं से इस संबंध में बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं मंठार अली मेहर ने बताया कि अगर इस संबंध में बहुत जल्द फिल्म की टीम द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं आया तो शक्तिस्थल की 10 सदस्यीय टीम मुकदमा दर्ज करवाएगी।
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