झालावाड़। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के शैक्षिक सत्र् 2024-25 के प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को फाउण्डेशन कोर्स के अन्तर्गत शुक्रवार को जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ के मुख्य आतिथ्य में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर सीपीआर तकनीक की जानकारी प्रदान की गई।
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प्रशिक्षण कार्यक्रम में शैक्षिक सत्र् 2024-25 के प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि आप सभी एमबीबीएस करने के पश्चात् डॉक्टर के अतिमहत्वपूर्ण पद पर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के पद को समाज में जीवनदाता के रूप में माना जाता है। इसलिए इस पद की गरिमा को बनाए रखने के लिए जीवन में सदैव लोगों की सेवा का भाव रखें। उन्होंने कहा कि नशा जीवन के विनाश का कारण है इसलिए नशे से दूर रहे।
उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता एवं असफलता कभी स्थिर नहीं होती है। जीवन में कभी भी असफल होने पर हार नहीं मानते हुए आगे बढ़ते रहने पर अवश्य सफलता मिलती है। इसलिए प्रयास करते रहें और एक श्रेष्ठ चिकित्सक और सेवाभावी व्यक्ति के रूप में अपना निर्माण करें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनेस्थिसिया विभाग के एचओडी डॉ. राजन नंदा द्वारा एनेस्थिसिया की सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
पीपीटी एवं लाइव डेमो से सीपीआर प्रक्रिया की दी जानकारी
इस दौरान एनेस्थिसिया विभाग के सहायक आचार्य डॉ. राकेश चौधरी के नेतृत्व में पीजी विद्यार्थी डॉ. मोहन, डॉ. अमान, डॉ. खुशबू, डॉ. गगन, डॉ. संयम एवं डॉ. आशु द्वारा पीपीटी तथा लाइव डेमोन्सटेªशन के माध्यम से सीपीआर की सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया गया कि आकस्मिक परिस्थिति में पीड़ित व्यक्ति को सीपीआर देकर किस प्रकार उसकी जान बचाई जा सकती है। इस दौरान जिला कलक्टर द्वारा स्वयं भी इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को सीख कर प्रयोग किया गया। वहीं ‘‘जीवन संजीवनी दो यार’’ वीडियो क्लिप द्वारा भी सीपीआर की महत्ता एवं तकनीक की जानकारी दी गई।
फाउण्डेशन कोर्स की दी जानकारी
फाउण्डेशन कोर्स के कॉआर्डिनेटर एवं ऐसोसिएट प्रोफेसर डॉ. के. एम. लोधा ने जानकारी देते हुए बताया कि एनएमसी ने वर्ष 2019 से इण्डियन मेडिकल ग्रेजुएट कॉन्सेप्ट शुरू किया। यह फाउण्डेशन कोर्स इसी का पार्ट है। यह फाउण्डेशन कोर्स 6 दिन तक इस वर्ष 80 घन्टे का आयोजित किया जा रहा है। इस कोर्स में छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार के स्किल मॉड्यूल, प्रोफेशनल डेवलेपमेन्ट, मेंटरिंग, पर्सनेलिटी डेवलेपमेन्ट, कम्युनिकेशन, स्ट्रेस मैनेजमेन्ट, इंटरपर्सनल रिलेशनशीप, डॉक्टर पेशेंट रिलेशनशीप, मेडिकल एथिक्स एवं नेशनल हैल्थ प्रोग्राम आदि विषयों की जानकारी दी जा रही है। इस कोर्स में स्पोर्ट्स, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी और योग के सेशन भी आयोजित किए जा रहे हैं। जिससे छात्र-छात्राओं के शारीरिक एवं मानसिक विकास तथा निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुभाष जैन सहित अन्य विभागों के चिकित्सक तथा मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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