झालावाड़। डग तहसील में कार्यरत कानूनगो राजेश शर्मा पर फायरिंग की घटना का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। जिले के पांच पुलिस अधिकारियों, 100 जवानों, डीएसटी टीम और जिला साइबर टीम ने 7 दिनों तक दिन रात एक कर मुख्य साजिशकर्ता सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बेशकीमती जमीन को हथियाने और भारी कर्जे के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया था। घटना की साजिश भी एक साल पहले भवानीमंडी जेल में रची गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि मुख्य आरोपी महेंद्र सिंह पुत्र सोहन सिंह राजपूत (42) और संजय मीणा पुत्र कैलाश चंद (48) निवासी चौमहला थाना गंगधार, शूटर श्याम सिंह पुत्र गब सिंह राजपूत (34) निवासी चिंडी थाना उन्हेल, महेश शर्मा पुत्र कालूराम (32) निवासी खारपा थाना मिश्रौली और गोपाल राठौर पुत्र रमेश (32) निवासी थाना गंगधार को गिरफ्तार किया गया है।
12 मई की है घटना
एसपी तोमर ने बताया कि 12 मई की शाम बाइक से डग से गंगधार जा रहे कानूनगो राजेश शर्मा पर भड़का गांव से आगे अज्ञात व्यक्ति ने दो फायर कर जान से मारने की कोशिश की। गोली दाहिने हाथ और दाहिने कंधे पर लगी। गोली मारकर बदमाश वहां से भाग गये। सीएचसी डग पर पुलिस को दिए पर्चा बयान पर मुकदमा दर्ज किया। रिपोर्ट में पीड़ित ने भूमि संबंधी विवाद महेंद्र सिंह वगैरह से होना भी बताया।
घटना की गंभीरता को देखते तोमर द्वारा एएसपी चिरंजीलाल मीणा के निर्देशन व सीओ प्रेम कुमार के सुपरविजन तथा एसएचओ अमरनाथ जोगी के नेतृत्व में थाना गंगधार, उन्हेल डीएसटी टीम व साइबर टीम को शामिल करते हुए विशेष टीम गठित की गई। गठित टीम द्वारा 7 दिनों तक दिन रात एक कर घटना का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपियों समेत पांच जनों को गिरफ्तार किया गया।
बेशकीमती जमीन बनी घटना की वजह
कानूनगो राजेश शर्मा के पिता 9 भाई हैं, जिनकी पुश्तैनी 23 बीघा जमीन मल्हारगंज गंगधार में है। लेकिन जमीन की रजिस्ट्री केवल दो भाइयों के ही नाम दर्ज है। वर्तमान में इस जमीन की कीमत करोड़ों में है। इस दौरान एक भाई गणपत लाल ने अपने हिस्से की 11.5 बीघा जमीन चौमहला के महेंद्र सिंह समेत दो जनों को बेच दी। इसके बाद विवाद बढ़ते हुए कोर्ट व रेवेन्यू बोर्ड तक जा पहुंचा।
कर्ज में डूबे बदमाश को दी सुपारी
विवादित बेशकीमती जमीन में अब महेंद्र सिंह 50% का हिस्सेदार बन गया। कानूनी और जमीनी मामला का जानकार होने से उसका साथ पार्टनर संजय मीणा उर्फ संजू साथ दे रहा था। 25 मई को एडीजे कोर्ट भवानी मंडी में महत्वपूर्ण तारीख पेशी थी। इसी को ध्यान में रखते हुए महेंद्र सिंह और संजय मीणा ने जमीन की राह में रोड़ा बन रहे कानूनगो राजेश शर्मा को रास्ते से हटाने के लिए कर्ज में डूबे श्याम सिंह को प्रलोभन देकर घटना को अंजाम दिलाया।
जेल में रची गई थी साजिश
घटना की साजिश 1 साल पहले भवानीमंडी जेल में रची गई थी। उस समय संजय मीणा और शूटर श्याम सिंह दोनों जेल में बंद थे। संजय मीणा की नजर बेशकीमती जमीन हथियाने की थी तो दूसरी तरफ फायरिंग के आरोपी श्याम सिंह को कर्जा चुकाने व गिरवी जमीन को छुड़ाने के लिए पैसों की जरूरत थी।
बाहर आने के बाद दिया घटना को अंजाम
जेल से बाहर आने के बाद ये कानूनगो राजेश शर्मा को रास्ते से हटाने के लिए साजिश रचने लगे। इसके लिए आरोपी गोपाल राठौर द्वारा रेकी की गई। घटना में इन्होंने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि खुद को सीसीटीवी कैमरों की नजर से बचाना है और मोबाइल का प्रयोग भी नहीं करना है। लेकिन विशेष टीम ने ह्यूमन इंटेलिजेंस के आधार पर वारदात का खुलासा किया और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गठित विशेष टीम
एएसपी चिरंजी लाल मीणा, सीओ गंगधार प्रेम कुमार चौधरी, एसएचओ डग अमर नाथ, एसएचओ गंगधार राधेश्याम चौधरी, एसएचओ उन्हेल महेन्द्र यादव, डीएसटी प्रभारी भूपेंद्र मय टीम, एसआई विनोद कुमार, साइबर सेल प्रभारी राजेश शर्मा, हेड कांस्टेबल विरेन्द्र सिह, कांस्टेबल बिजेश कुमार, अशोक कुमार, हनुमान, चन्द्राराम, रामेश्वर सिह, विष्णु व मदन स्वामी।
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