झालावाड़। जिला प्रशासन एवं बाल अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को सड़क पर रहने वाले बच्चों की पहचान करने तथा उनके पुनर्वास हेतु अभियान चलाया गया। जिसमें राजकीय खेल संकुल एवं मुण्डेरी पुलिया के आसपास से लगभग 15 बच्चों का चिन्हीकरण किया गया।
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इस दौरान बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य परीक्षण तथा दस्तावेज संबंधित जानकारी ली गई। साथ ही उनके अभिभावकों को बच्चों को शिक्षा से जोड़ने हेतु पाबंद किया गया। इन बच्चों की जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा निर्मित बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
बाल संरक्षण अधिकारी बिष्णु कुमार जांगिड़ ने बताया कि पूर्व में भी चाइल्ड लाइन टीम द्वारा लगभग 75 बच्चों को चिन्हित कर उनकी जानकारी बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड की गई है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों, धार्मिक स्थानों, फुटपाथों तथा ऐसे क्षेत्र जहां बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति करने वाले तथा कूड़ा बीनने वाले बच्चे मिलते हैं उनका बचाव एवं शिक्षा, पुनर्वास किये जाने हेतु इस वर्ष भी त्रैमासिक आधार पर अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 तक अलग-अलग स्थानों और चरणों में अभियान चलाकर चिन्हित किया जा रहा है। इसी तरह प्रत्येक त्रैमास जनवरी से मार्च 2025, अप्रैल से जून 2025 एवं जुलाई से सितम्बर 2025 तक चिन्हिकरण हेतु विभिन्न स्थानों पर भी उक्त अभियान चलाया जाएगा।
इस दौरान राजकीय खेल संकुल व मुण्डेरी के पास के स्थानों पर चिन्हित सभी बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन टीम के कोर्डिनेटर सुनील पाटीदार द्वारा बाल कल्याण समिति अध्यक्ष शिवराज सिंह हाड़ा, सदस्य गजेन्द्र सैन एवं पूर्णिमा सिकरवार के समक्ष पेश किया गया। तत्पश्चात् बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ने चाइल्ड हेल्पलाइन को बच्चों की सामाजिक जांच रिपोर्ट समिति के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया। इस दौरान चाईल्ड हेल्पलाइन टीम से मानसिंह, पुष्पेन्द्र, इन्द्रपाल, बब्बू नागर आदि उपस्थित रहे।
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