जैसलमेर। आमतौर
पर अपनी पुरानी साड़ियों के बदले बर्तन लेने या उन्हें पर्दे और सफाई के
कपड़ों के रूप में काम में लेने के इस रिवाज को अब जैसलमेर जिला कलक्टर ने
बदलने का प्रयास किया है। जैसलमेर के नवनियुक्त जिला कलक्टर कैलाशचन्द्र
मीणा ने महिलाओं से उनकी पुरानी साडियां मांगी है ताकि उनके कैरीबैग बनवाकर
शहर को पॉलिथीन मुक्त बनाया जा सके। पर्यटन नगरी में पिछले लम्बे समय से
पॉलिथीन को लेकर नगर परिषद द्वारा प्रयास किये जा रहे थे लेकिन इन प्रयासों
का कोई असर दिखाई नहीं पड़ रहा था। जैसलमेर के नवनियुक्त जिला कलक्टर
कैलाश चंद्र मीणा ने इस बार पॉलिथीन से निपटने के लिये अभिनव पहल की है
जिसमें शहर के विभिन्न स्वयंसेवी संगठन भी जिला कलेक्टर की इस मुहिम से
जुडकर शहर को पॉलिथीन मुक्त बनाने में जुट गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पॉलीथीन ने बिगाड़ा पर्यटन नगरी का स्वरुप तो जिला कलेक्टर ने संभाली कमान
विश्व
मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान रखने वाली स्वर्णनगरी देशी व विदेशी
पर्यटकों की पहली पसंद बनी हुई है ऐसे में हर साल लाखों की संख्या में
सैलानी यहां पर आते हैं और यहां के किले हवेलियों और रेतीले धोरों के
नजारों से रूबरू होते हैं। जैसलमेर के पर्यटन के ग्राफ में पिछले कुछ समय
से गिरावट आनी शुरू हो गई थी। जिसका मुख्य कारण यहां के पर्यटक स्थलों पर
पसरी गंदगी और सड़कों पर फैला कचरा । पर्यटन नगरी के नासूर बन रही इस
गंदगी में सबसे बुरी भूमिका पॉलिथीन निभा रही थी। जिस पर पिछले लम्बे समय से
नगर परिषद कोशिश करने के बाद भी लगाम नहीं लगा पा रही थी। जैसलमेर के
नवनियुक्त जिला कलक्टर कैलाशचन्द्र मीणा ने पर्यटन नगरी की साख को गिरा रही
इस पॉलिथीन से शहर को मुक्त करवाने का बीड़ा उठाया है और शहर वासियों से
अपील की है जिसमें महिलाओं से खासकर अपील की गई है कि वे अपनी पुरानी
साडियां प्रशासन को दे ताकि उन साड़ियों के कैरीबैग सिलवाकर शहर में बढ रहे
पॉलिथीन के प्रयोग को रोका जा सके।
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