जयपुर/जैसलमेर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जैसलमेर यात्रा के दौरान कहा कि विश्व धरोहर के रूप में विख्यात जैसलमेर और चितौड़गढ़ के किलों के संरक्षण और प्रबन्धन के लिए जल्द ही प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश में हैरिटेज ट्यूरिज्म की सम्भावनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित पुराने किलों और हवेलियों को चिन्हित करके इनकी मरम्मत और संरक्षण करके पर्यटन गतिविधियों के अनुरूप विकसित किया जाएगा, ताकि खण्डहर होती जा रही इस विरासत को सहेजा जा सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजे रविवार को जैसलमेर के होटल सूर्यगढ़ में इंडियन हैरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) के छठे वार्षिक सम्मेलन को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हैरिटेज ट्यूरिज्म राजस्थान की विशेषता है और देश की 70 प्रतिशत हैरिटेज प्रॉपर्टी राजस्थान में हैं। पर्यटन विभाग राज्यभर में फैले ऐसे पुराने भवनों एवं नजूल परिसम्पत्तियों का डेटा बेस तैयार कर रहा है। इसके बाद ऐसी साइट्स की जानकारी ऑनलाइन और वेब एप्लीकेशन पर तैयार मिलेगी, ताकि निजी निवेशकों की मदद से इन्हें संरक्षित कर यहां पर्यटन गतिविधियों का संचालन किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन की भागीदारी केवल 2.5 प्रतिशत है। इस क्षेत्र को सुदृढ़ करके जीडीपी में पर्यटन की हिस्सेदारी को 10 प्रतिशत तक लाया जा सकता है। इसके लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें पर्यटन केन्द्रों तक पहुंच, ठहरने की व्यवस्था और आवश्यक सुविधाओं के साथ-साथ इनके बारे में प्रचार-प्रसार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कनेक्टिविटी, साफ-सफाई और नियमन के बाद अब निजी क्षेत्र को चाहिए कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए पैकेज तैयार कर उनकी मार्केटिंग करें। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की ओर से मिलने वाले सुझाव और विचार भी इस सेक्टर के विकास के लिए मददगार साबित होंगे।
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