जैसलमेर। जिले के पोकरण क्षेत्र में एक गांव ऐसा है, जहां लोगों के आधार कार्डों पर गांव के सभी लोगों की जन्मतिथि एक ही अंकित कर दी गई। लोगों के पास कार्ड पहुंचे तो चर्चा का विषय बन गए। मामला ग्राम पंचायत डिडाणिया के पाबुपाडिया गांव का है। यहां छोटे से बड़े और महिला-पुरुष सभी के आधार कार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी ही दर्ज की गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पूरा का पूरा गांव ही एक जनवरी को पैदा हुआ है। सुनने में भले ही यह अटपटी बात लगे, लेकिन हकीकत यही है। ई-मित्र संचालकों द्वारा गलत जन्मतिथि आधार कार्ड में अंकित करना आम लोगों भारी पड़ रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उपखंड क्षेत्र के आसपास के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों प्रशासन द्वारा बरती जा रही बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने समाधान तो दूर की बात, आपस में चर्चा भी नहीं की। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से भी इस संबंध में जानकारी चाही गई तो वे भी आधार कार्ड में पूरे गांव की जन्म तिथि 1 जनवरी देखकर हैरान रह गए। ग्रामीणों का आरोप है कि आधार कार्ड बनाने के दौरान उनसे जन्मतिथि के बारे में जानकारी नहीं ली गई। सिर्फ वोटर आईडी कार्ड देखकर उसके आधार पर वर्ष जोड़ दिया और सभी में 1 जनवरी तारीख लगा दी। इस कारण दिसंबर माह में जन्मे व्यक्ति की तारीख भी 1 जनवरी दर्ज कर दी गई। पाबूपाडिय़ा गांव में लगभग 250 से अधिक की आबादी है। इसमें कई लोग पोकरण शहर में भी निवास करते हैं, लेकिन पाबूपाडिय़ा में निवास करने वाले सभी लोगों के आधार कार्ड पर जन्मतिथि 1 जनवरी ही अंकित है। पाबूपाडिय़ा के साथ-साथ ग्राम पंचायत मानासर, भूर्जगढ़ के अंतर्गत आने वाले राजस्व गांवों के ग्रामीणों के आधार कार्डों में भी जन्मतिथि 1 जनवरी ही अंकित की गई है। ऐसे में आधार कार्ड के आधार पर गांव के सभी लोगों की एक ही जन्म तारीख है।
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