क्या है होलाष्टक... जानें यह भी पढ़े : घर में सुख-शांति और धन-धान्य पाने के लिए करें ये 7 उपाय
शास्त्रों के अनुसार कामदेव ने जब
भगवान शिव की तपस्या भंग की थी, इस कारण शिवजी ने क्रोधित होकर तीसरे
नेत्र की ज्वाला से कामदेव को भस्म कर दिया था। कामदेव ने देवताओं की इच्छा
और उनके अच्छे के लिए शिव को तपस्या से उठाया था। कामदेव के भस्म होने से
सारा संसार शोक में डूब गया था। काम देव की उनकी पत्नी रति ने शिव से विनती
की वे उन्हें फिर से पुनर्जीवित कर दे। तब भोलेनाथ ने द्वापर में उन्हें
फिर से जीवन देने की बात कही। शिव तपस्या भंग होने की कालावधि होलाष्टक
कहलाती है।
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