जयपुर। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट रामपाल जाट ने कहा है कि रबी की फसलों में गेहूं, जो, चना, सरसों, मसूर एवं सूरजमुखी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 2.4% से लेकर 7.03% की बढ़ोतरी कर्मचारियों के डी.ए की बढ़ोतरी की तुलना में सही दिशा में उठाया गया सही कदम है। इस बढ़ोतरी की सार्थकता तभी है, जब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दाने-दाने की खरीद की सुनिश्चितता हो, इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी का कानून अपरिहार्य है।
रामपाल जाट ने कहा कि सरसों एवं सूरजमुखी के मूल्य निर्धारण को तेल अंश की मात्रा के साथ संयोजन करना आवश्यक है। इसी से 35% तेल अंश से अधिक मात्रा की सरसों एवं सूरजमुखी के उचित दाम प्राप्त हो सकेंगे। दूसरी और छत्रक योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के अंतर्गत राज्यों को भावांतर भुगतान योजना का विकल्प ही दिया जाना अधिक युक्ति संगत है। इससे घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य में अंतर होने पर घाटे की भरपाई संभव हो सकेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा आदर्श कृषि उपज एवं पशुपालन विपणन (सुविधा एवं संवर्धन) अधिनियम 2017 के अनुसार राज्यों द्वारा कानून बनाने से किसी भी किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों में अपनी उपज बेचने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा। इसी दिशा में भारत सरकार द्वारा 12 जुलाई 2022 को न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित समिति के उपसमूह द्वारा 21 अप्रैल 2023 को आरक्षित मूल्य की अनुशंसा को स्वीकार करने पर भी घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त होने की सुनिश्चितता हो जाएगी।
जाट ने कहा कि अभी तक तो चना, सरसों, मसूर एवं सूरजमुखी के कुल उत्पादन में से 75% उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की परिधि से बाहर धकेला हुआ है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 से चना जैसी दलहन एवं सरसों, सूरजमुखी तिलहन के कुल उत्पादन में से 25% से अधिक खरीद पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
ज्ञात रहे कि 7 अक्टूबर को देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से दिल्ली के पूसा केंद्र में 2 घंटे से अधिक समय तक हुई वार्ता में खरीद नीति में चल रहे भेदभाव को समाप्त कर दाने-दाने की खरीद के लिए देश के किसानो की और से आगाह किया गया था एवं भारत सरकार की संस्था कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा वर्ष 2015, 2016, 2017 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने संबंधी अनुशंषा से भी अवगत कराया गया था । जिस पर उन्होंने सकारात्मक संकेत दिए थे।
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