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1.
कुछ राजनैतिक दलों द्वारा मीडिया के दुरुपयोग किए जाने को रोकने की मांग
करते हुए सभी को Level Playing Field उपलब्ध कराने की मांग की गई।इस संबंध
में निजी मीडिया समूहों को निर्देशित करने की मांग की गई कि इनके द्वारा
सभी राजनैतिक दलों को प्रचार-प्रसार के लिए समान समय उपलब्ध कराया जाय ।
अन्यथा ऐसे एकपक्षीय प्रचार को पेड न्यूज की श्रेणी में रखने की मांग की
गई।
2. पेड न्यूज और फेक न्यूज पर प्रभावी नियंत्रण करने भी मांग की गई।
3. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा मीडिया में धर्म एवं जाति पर आधारित कार्यक्रमों पर पांबदी लगाने की मांग की गई।
4.
कुछ राजनीतिक दलों द्वारा निर्वाचन आयोग की पूर्ण स्वायत्ता सुनिश्चित
करने की मांग की गई एवं आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रक्रिया की मांग की गई।
5. ज्यादा से ज्यादा महिला कार्मिकों को चुनाव प्रक्रिया में नियोजित करने की मांग भी की गई।
चुनावी कार्यक्रम
कुछ राजनैतिक दलों द्वार चुनाव कार्यक्रम के संबंध में भी अपने सुझाव दिए गए, जिन्हें आयोग द्वारा नोट किया गया।
1.
आयोग द्वारा राजनैतिक दलों की चिंताओं और सुझावों को ध्यान मे रखते हुए
उन्हें पूर्णतया आश्वस्त किया गया कि आयोग प्रदेश में
स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण एवं समावेशी चुनाव सम्पन्न करने के लिए कृत
संकल्प है।
2. आयोग द्वारा राज्य की चुनावी मशीनरी को निर्देशित किया
गया कि प्रभावी निगरानी एवं सर्तकता बरतते हुए सघन कार्ययोजना बनाकर
प्रत्येक स्तर पर राजनैतिक दलों की चिंताओं का समाधान करते हुए आम मतदाता
में पूर्ण विश्वास पैदा करते हुए चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न की जाए।
3.
आयोग ने यह भी निर्देशित किया कि स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण और पारदर्शी
निर्वाचन के लिए संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत ऐसे कदम उठाए जाएं
जिससे प्रत्येक मतदाता द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी भय, दबाव
अथवा प्रलोभन के प्रभाव के बिना किया जा सके।
4. आयोग द्वारा राजनैतिक
दलों द्वारा ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की प्रक्रिया की जानकारी दी गई एवं
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राजस्थान को निर्देशित किया गया कि वे राज्य में
वीवीपैट जागरूकता अभियान को बूथ स्तर तक ले जाएं।
निर्वाचन आयोग के निर्देश
निर्वाचन
आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया है कि आयोग
स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण, पारदर्शी और समावेशी निर्वाचन के लिए
संकल्पबद्ध है। मतदान प्रक्रिया के सुचारू संचालन हेतु प्रभावी तंत्र की
स्थापना की जा रही है।
1. मतदाता सूचियों को त्रुटिहीन बनाने के लिए
चुनाव आयोग कृत संकल्पित है। जहां कहीं डुप्लीकेट नामों की शिकायत मिलेगी,
उनका भौतिक सत्यापन करने के बाद नाम केवल उचित प्रक्रिया के अनुसार ही
काटे जा सकेंगे और वो भी जिला निर्वाचन अधिकारी की सीधी निगरानी मे होगा।
इसके साथ ही सभी काटे गए नाम पोलिंग स्टेशन पर दर्शाये जाए, राजनीतिक दलों
को NOTIFY किए जाएँ और वैबसाइट पर भी दर्शाये जाए।
2. राज्य के
शत-प्रतिशत पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए द्वितीय
पुनरीक्षण-2018 के अन्तर्गत अभियान चलाकर निर्वाचन विभाग ने 12 और 19 अगस्त
को प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाकर बड़ी संख्या में नाम जोड़ने, हटाने और
संशोधित करने का काम किया है।
आयोग ने मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश
दिये हैं कि 27 सितंबर को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद छुट्टियों
के दौरान तीन दिन तक विशेष मतदाता शिविर आयोजित किए जाएँ जिससे छूटे हुए
लोग अपना नाम जुड़वा सकें अथवा सूची में पाई त्रुटियों का परिमार्जन
सुनिश्चित हो सके।
3. आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिये कि मतदाता सूची
की छपाई का काम यथासंभव सरकारी प्रैस से ही कराया जाए और यदि किसी
प्राइवेट प्रिंटिंग प्रैस द्वारा छपी मतदाता सूची मे कोई विसंगति पाई जाए
तो कड़ी पेनल्टी लगाई जाए।
4. आयोग ने जिलाधिकारियों और पुलिस
अधिकारियों को निर्देश दिया की पूर्ववर्ती चुनावों के अब तक बचे हुए
आपराधिक मामलों को अधिकारियों के साथ बैठक करके त्वरित निराकरण हेतु
कार्यवाही की जाए।
5. आयोग ने निर्देश दिये कि एसएचओ के कार्य की
समीक्षा कुछ निर्धारित मानदंडो के आधार पर की जाय और तदनुसार उनकी
कार्यक्षमता की समीक्षा की जाय।
ये मानदंड होंगे
- 2013 विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव के मामलों में चार्जशीट दायर करने और Conviction का स्तर।
• गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ Preventive action की स्थिति
• शस्त्रों के verification और जमा कराना
• शराब और ड्रग्स की बरामदगी
• NBW का एग्जेक्यूशन
• साम्प्रदायिक और जातिगत तनाव वाले क्षेत्रों Preventive action
6.
कमीशन का पूर्ण विश्वास और पक्का यकीन है कि हमारी ईवीएम और वीवीपीएटी
मशीनें non-tamperable and credible हैं और सभी तरह की कसौटियों पर खरी
उतरी हैंI हमारे इस विश्वास का आधार इन मशीनों के संबंध मे अपनाए जाने वाले
तकनीकी और प्रशासनिक नियम और protocol हैं जो इन्हें उत्पादन से लेकर इनके
स्थानांतरण, भंडारण, मतदान और मतगणना के दौरान किसी भी बाहरी हस्तक्षेप से
पूरी तरह सुरक्षित करते हैं।
7. आयोग ने ईवीएम-वीवीपैट के कामकाज
के बारे में राजनैतिक दलों को बताया और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राजस्थान
को इस दिशा में सघन वीवीपैट जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
संपूर्ण प्रदेश में पहली बार सभी 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में
वीवीपैट और ईवीएम एम-3 मशीनों के जरिए मतदान करवाया जाएगा। इस नई तकनीक से
मतदान सुगम, सहज होने के साथ ही और अधिक पारदर्शी व निष्पक्षता के साथ
सम्पन्न कराया जा सकेगा ताकि लोकतंत्र के इस महोत्सव के प्रति किसी के मन
में कोई शंका ना रहे।
8. आयोग ने सभी अधिकारियों को पूरी तरह निडर
और निष्पक्ष रूप से कार्य करने की हिदायत दी। किसी भी अधिकारी द्वारा किसी
भी पक्षपात पूर्ण कारवाई को आयोग द्वारा पूरी गंभीरता से लिया जाएगा। आयोग
ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि चुनाव से जुड़े हुए सभी अधिकारियों और
कर्मचारियों की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव
को निर्देश दिए कि स्थानांतरण के विषय में आयोग की नीति के अनुसार
कार्यवाही सुनिश्चित करें।
9. राज्य के विधान सभा चुनावों मे पहली
बार Accessibility Observers की नियुक्ति की जाएगी। आयोग निर्वाचन की गहन
निगरानी के लिए सामान्य पर्यवेक्षकों, व्यय पर्यवेक्षकों, पुलिस
पर्यवेक्षकों तथा माईक्रो पर्यवेक्षकों का विस्तार करेगा ताकि निगरानी
तंत्र और अधिक मजबूती के साथ अपना कार्य कर सके।
10. आगामी विधानसभा
चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य के प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
में कम से कम एक एक मतदान केंद्र पर सम्पूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा
संचालित मतदान दल गठित किए जाने के निर्देश दिए गए। जहां संभव हो यह
संख्या बढाई जाए।
11. आदर्श आचार संहिता की कड़ी पालना सुनिश्चित
करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे ताकि राजनैतिक दलों और आम मतदाता
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आश्वस्त हो सके। इस दिशा में प्राप्त
प्रत्येक शिकायत पर तत्परता से पुख्ता कार्यवाही की जाए।
12.
राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव-2018 में आदर्श आचार संहिता एवं अन्य
नियमों के उल्लंघन पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा
‘सी विजिल‘ नाम से एक एप को लॉन्च किया गया है, जो अधिकतम सौ मिनट की समय
सीमा में प्राप्त शिकायतों का समाधान करेगा। इस एप के माध्यम से कोई भी
नागरिक चुनाव आचार संहिता संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकेगा और इसका समयबद्ध
तरीके से निराकरण किया जाएगा।
13. आई टी एप्लीकेशंस समाधान,
सुविधा, सुगम का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि शिकायतों का
निराकरण 24 घंटे में होकर शिकायतकर्ता को जानकारी मिल जाए, उम्मीदवार/
पार्टी को पब्लिक मिटिंग आदि की अनुमति सिंगल विंडो प्रणाली से 24 घंटे में
मिल जाए और वाहन अधिग्रहण मामलों में मालिकों को भुगतान समय पर सुनिश्चित
हो जाए।
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