जयपुर,। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने युवा चिकित्सकों से आह्वान किया है कि वे प्रदेश के पिछड़े
इलाकों, गांवों, आदिवासी व जनजाति क्षेत्रों में चिकित्सकीय सेवाओं को
सुदृढ़ करने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन शैली, खानपान एवं पर्यावरण से जुड़ी नई बीमारियों की चुनौतियों
पर भी चिकित्सा क्षेत्र में तेजी से कार्य किया जाना चाहिए।
राज्यपाल मिश्र गुरुवार को
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर के दीक्षान्त समारोह में सम्बोधित
कर रहे थे। उन्होंने चिकित्सकों से मशीनों पर बढ़ती निर्भरता कम करने की दिशा में
भी ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मरीजों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ
और मशीनों के रेडिएशन्स के विपरीत प्रभावों को देखते हुए वास्तव में जिस रोग की
आशंका हो, उसी
से सम्बंधित टेस्ट कराए जाने चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत विशेषज्ञ चिकित्सा
क्षेत्रों की और तेजी से आगे बढ़ना अच्छी पहल है। लेकिन, चिकित्सकों को यह
भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके उपचार से किसी दूसरे रोग के बढ़ने की आशंका अथवा दूसरे रोग से जुड़े प्रभाव की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा
कि इस सम्बन्ध में समुचित जानकारी चिकित्सकों द्वारा मरीजों को दी जानी चाहिए।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि चिकित्सक यदि मरीज की बात को ठीक से सुनता है तो उसका बहुत
सकारात्मक असर पड़ता है। मनोवैज्ञानिक रूप से रोगी के साथ सांत्वना के रूप में किया
गया व्यवहार कई बार दवाओं से भी अधिक काम करता है, इसलिए इस पर भी चिकित्सा शिक्षा में विशेष
ध्यान दिया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि देश में
चिकित्सा से जुड़ा ज्ञान-विज्ञान आरम्भ से ही अत्यंत समृद्ध रहा है। धन्वंतरि
संहिता, चरक
संहिता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं। शुगर, टीबी, हार्ट अटैक आदि
रोगों के कारण और इनके उपचार का महत्वपूर्ण ज्ञान चरक संहिता में है। इसी तरह
सुश्रुत ने सर्जरी और ऑपरेशन से जुड़े चिकित्सकीय ज्ञान के महत्वपूर्ण सूत्र दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा से जुड़े ज्ञान की इन संहिताओं को आधुनिक संदर्भों में
रखते हुए इनका डाक्यूमेंटेशन किया जाए। उन्होंने कहा कि आरयूएचएस को पुस्तकालयों
में उपलब्ध प्राचीन चिकित्सा संहिताओं के संस्करणों का डिजिटलाइजेशन करते हुए
उन्हें ई-लाईब्रेरी के जरिए चिकित्सा महाविद्यालयों में उपलब्ध कराने की परियोजना
पर कार्य करना चाहिए। उन्होंने भारतीय भाषाओं में इन संहिताओं के अनुवाद प्रकाशित
किए जाने का भी सुझाव दिया।
राज्यपाल मिश्र ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी
चिकित्सकों को बधाई देते हुए उनसे अपने अर्जित ज्ञान का
उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए करने का आह्वान किया।
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राइट टू हेल्थ का सफल क्रियान्वयन
सुनिश्चित करेगी राज्य सरकार- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के निर्णयों से राजस्थान आज
चिकित्सा के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को
गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राइट टू हेल्थ लागू किया
गया है। कानून बनाकर नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का
पहला राज्य है। राज्य सरकार राइट टू हेल्थ का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी।
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