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जयपुर । राजस्थान में गहलोत सरकार की प्रशासनिक मशीनरी का ध्यान मनरेगा योजना को लेकर ज्यादा है। इसी के चलते पहली बार मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की तरफ से मनरेगा योजना की ग्रेडिंग करने को लेकर सभी जिला कलेक्टरों को 9 मई को पत्र भेजा गया है। इस पत्र के जरिये प्रत्येक जिला कलेक्टर को वित्तीय वर्ष 2008-2009 से वित्तीय वर्ष 2018-2019 तक का संबंधित जिले का मनरेगा का रिपोर्ट कार्ड भी भेजा गया। इस पत्र के जरिये प्रत्येक जिले के मनरेगा की रिपोर्ट संलग्न की गई है। इस रिपोर्ट के साथ संबंधित जिलों को मनरेगा को लेकर बने दस मापदंड़ों को लेकर ग्रेडिंग भी दी गई है। जैसे मानव दिवस सृजन, नियमित मजदूरी भुगतान, जिओ टैगिंग आदि।
मुख्य सचिव ने अपने पत्र में सभी जिला कलेक्टरों को कहा है कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 में इन सभी दस मापदंडों में बी से नीचे ग्रेड नहीं आए,इसको लेकर प्रयास किए जाए। इस पत्र के जरिये यह भी बताया गया है कि मानव दिवस सृजन करने में राजस्थान का पश्चिमी बंगाल के बाद दूसरा स्थान है। वहीं 100 दिन का रोजगार देने में राजस्थान का पूरे देश में तीसरा स्थान है।
वहीं मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने मनरेगा के सामग्रीमद का भुगतान अभी तक केंद्र सरकार से नहीं होने पर केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय केे सचिव को एक बार फिर 8 मई को खत लिखा है। इस खत के जरिये बताया गया है कि 1 अक्टूबर 2018 से सामग्री मद का 1500 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है।
आपको बता दे कि इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी केंद्र सरकार को इस मद के भुगतान को लेकर खत लिख चुके है ।
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