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जयपुर। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर, यह चिंताजनक तथ्य सामने आया है कि राजस्थान में तंबाकू और धूम्रपान उत्पादों का बढ़ता हुआ क्रेज युवाओं के जीवन को नरक बना रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हर साल 78,000 से अधिक लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में युवा भी शामिल हैं।
यह स्थिति तब है जब 73 प्रतिशत से अधिक युवा मानते हैं कि तंबाकू और धूम्रपान उत्पादों का उपयोग हानिकारक है।
देशभर में प्रतिवर्ष 13.5 लाख से अधिक लोग तंबाकू जनित बीमारियों से दम तोड़ रहे हैं, जबकि विश्व भर में यह आंकड़ा 80 लाख है।
इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस (डब्ल्यूएनटीडी) 2025 की थीम "अनमास्किंग द अपील: तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना" (आकर्षण को बेनकाब करना: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की भ्रामक रणनीतियों का खुलासा) पर केंद्रित है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर के नाक कान गला रोग विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. पवन सिंघल ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूल/कॉलेज के छात्रों में तंबाकू के हानिकारक प्रभावों और तंबाकू व निकोटीन उद्योग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भ्रामक मार्केटिंग रणनीतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
डॉ. सिंघल ने बताया कि तंबाकू उद्योग अपने हानिकारक उत्पादों को आकर्षक बनाने के लिए लगातार नए तरीके खोजता है, जिसमें स्वाद और अन्य एडिटिव्स शामिल होते हैं। ये तत्व तंबाकू की कठोरता को छिपाने और उसकी स्वादिष्टता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, खासकर युवा लोगों के बीच।
राजस्थान में जागरूकता के बावजूद तंबाकू सेवन जारी:
डॉ. सिंघल के अनुसार, ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (GYTS 2019) में सामने आया है कि राजस्थान में करीब 74.3 प्रतिशत किशोर एवं किशोरियों ने तंबाकू एवं संबंधित उत्पादों के प्रचार-प्रसार को देखा है। 15.6 प्रतिशत किशोर एवं किशोरियों को ई-सिगरेट के बारे में जानकारी है, जिसमें 17.2 प्रतिशत किशोर और 13.7 प्रतिशत किशोरियां शामिल हैं। सर्वे से पता चला है कि प्रदेश में 13 से 15 साल के बच्चों में से 16.3 प्रतिशत किशोर किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का सेवन कर चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रतिशत 12.1 है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 5.6 प्रतिशत है।
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS) के अनुसार, राजस्थान में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाली बीमारियों से प्रतिवर्ष 78,000 से अधिक लोगों की असमय मृत्यु होती है। देशभर में प्रतिदिन 5,500 से अधिक बच्चे तंबाकू का सेवन शुरू करते हैं, और इनमें से अधिकतर आजीवन इसके आदी हो जाते हैं। डॉ. सिंघल ने यह भी बताया कि प्रदेश में पुरुषों में चबाने वाले तंबाकू का सेवन महिलाओं की अपेक्षा अधिक है। GATS, 2017 के अनुसार, राजस्थान में वर्तमान में 24.7 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का उपभोग करते हैं।
कैंसर का प्रमुख कारक और समाधान:
डॉ. सिंघल ने जोर दिया कि भारत में मुंह और गले के कैंसर का शत-प्रतिशत कारण तंबाकू का उपयोग है। यह लत के लिए सस्ता और आसानी से उपलब्ध है, और इसकी बढ़ती खपत से मुंह के कैंसर में खतरनाक वृद्धि हुई है। इसलिए, सभी तरह के शैक्षिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त करना जरूरी है, ताकि बच्चे तंबाकू का उपयोग शुरू न कर सकें।
सुखम फाउंडेशन के ट्रस्टी श्याम मारु ने बताया कि तंबाकू के उपयोग के कारण हर साल भारत में 13.5 लाख लोगों की मौत होती है, जो कैंसर का एक प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि कैंसर को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए, खासतौर पर जो रोकथाम योग्य हैं, और इसके लिए युवाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से एकजुट होकर इस समस्या पर रोक लगाने का आह्वान किया।
GATS-II (2017-18) के मुताबिक, भारत में 26.7 करोड़ (28.6 प्रतिशत) वयस्क तंबाकू उपयोगकर्ता हैं। 92.8 प्रतिशत लोग तंबाकू के नुकसान से वाकिफ हैं, लेकिन केवल 3 प्रतिशत ही लत छोड़ने में सफल हो पाते हैं। विशेषज्ञों ने रोकथाम को लत छुड़ाने से बेहतर रणनीति बताया है। भारत सरकार ने गुटखा, स्वादयुक्त और पैकिंग वाले चबाने वाले तंबाकू पर प्रतिबंध लगाकर ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 23 सितंबर 2016 को भारत में जुड़वां पैक सहित धुंए रहित तंबाकू उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।
ई-सिगरेट पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग:
राजस्थान सहित देशभर में ई-सिगरेट का प्रचलन भी तेजी से बढ़ रहा है, खासकर स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों के युवाओं में। राजस्थान के ईएनटी चिकित्सकों, सुखम फाउंडेशन और एसोसिएशन ऑफ ओटोलारिंगोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया (AOI) की ओर से प्रदेशभर में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों की रोकथाम और पीड़ितों की निरंतर काउंसलिंग जैसे कार्य किए जा रहे हैं।
तंबाकू की लत छोड़ने के इच्छुक विटामिन सी वाले फल खाएंः
डॉ. सिंघल ने बताया कि तंबाकू के सेवन से न केवल मुंह, फेफड़े, हृदय और गले का कैंसर होता है, बल्कि यह पर्यावरण को भी प्रदूषित कर रहा है। सिगरेट के बट माइक्रोप्लास्टिक से जुड़े प्रदूषण की बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। तंबाकू की लत छोड़ने के इच्छुक लोगों को विटामिन सी से भरपूर फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला और अमरूद का सेवन करने की सलाह दी गई है, क्योंकि विटामिन सी निकोटीन को डिटॉक्स कर तलब को कम करता है। साथ ही, व्यस्त रहना और दिन की शुरुआत सुबह के नाश्ते, कसरत, ध्यान और काम से करना भी धूम्रपान की इच्छा से बचने में सहायक है, जिससे व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।
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