जयपुर। दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबन्धन संस्थान के सभागार में गुरुवार को विकसित राजस्थान-2047 विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला प्रमुख रमा चौपड़ा की अध्यक्षता में आयोजित हुई कार्यशाला में विकसित राजस्थान-2047 की रूपरेखा पर चर्चा हुई। कार्यशाला में कृषि एवं संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने विभाग की योजनाओं एवं विकसित राजस्थान-2047 की कार्ययोजना के बारे में अवगत कराया।
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जिला प्रमुख रमा चौपड़ा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए तारबन्दी-वृक्षारोपण, तालाब-नहर आदि पर दीर्घ आयु वाले वृक्षरोपण, नरेगा श्रमिकों को पौधरोपण योजना से जोडने, प्राकृतिक खेती को बढावा दिये जाने पर जोर दिया
संयुक्त निदेशक राकेश कुमार पाटनी ने बताया कि कार्यशाला में कार्यशाला में किसानों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों ने कृषि उत्पादन में वृद्धि, कृषक कल्याण एवं आत्मनिर्भरता, प्रति इकाई लागत को कम किये जाने, कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी आदि में होने वाली चुनौतियों, समग्र कृषि क्षेत्र में विकास, पर्यावरण-जलवायु प्रदूषण आदि ज्वलंत बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
साथ ही, संरक्षित खेती, पशुपालन बून्द-बून्द सिंचाई, प्राकृतिक खेती, जैविक बीज, मृदा परीक्षण, कृषि उत्पाद प्रसंस्करण, बंजर जमीन को कृषि योग्य बनाने, विभिन्न गतिविधियों पर अनुदान, ईआरसीपी क्षेत्र, जिलों में उत्पादन, विपणन, प्रसंस्करण इकाइयों की कार्य योजना आदि के सुझाव प्राप्त हुए।
कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी की मौजूदगी में आयोजित हुई कार्यशाला में कृषि एवं संबंध विभागों यथा उद्यान विभाग, राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, सहकारिता विभाग, कृषि विपणन विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र के जिला स्तरीय अधिकारियों,स्वयं सेवी संस्था, आदान विक्रेता, कृृषक-उत्पादक संगठन, जनप्रतिनिधि एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
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