जयपुर । राजस्थान के समस्त जिलों से आईं राजीविका महिला स्वयं सहायता समूह
की सदस्यों के द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न प्रकार के उत्पादों की
गुणवत्ता, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, लागत आदि के संबंध में मंगलवार को इंदिरा
गांधी पंचायती राज एवम ग्रामीण विकास संस्थान में प्रशिक्षण कार्यशाला का
आयोजन किया गया । ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती
मंजू राजपाल ने इस मौके पर कहा कि राजीविका की सदस्य महिलाओं को उनके
उत्पाद की कला की गुणवत्ता बनाये रखने के साथ ही उसकी विभिन्न मंचों पर
पहचान एवं व्यवसायिकता बढ़ाने, मार्केटिंग के बारे भी प्रयास करने चाहिए।
उनके और उपभोक्ता के बीच कोई मिडिलमैन नहीं होना चाहिए। अब अकेले चलने का
समय नहीं है । सामूहिकता से कई मुश्किलें आसान हो जाती हैं।
राजीविका
की ब्रांड एंबेसडर डॉक्टर रूमा देवी, जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से
स्थानीय ग्रामीण उत्पादों को राष्ट्रीय एवम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
दिलाई है, ने इस कार्यशाला में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाई जा
रही उत्पादों की ब्रांडिंग,पैकेजिंग, लागत का आकलन, विक्रम मूल्य,बाजार में
प्रतिस्पर्धा एवं मार्केटिंग को सुदृढ़ बनाने के लिए अपने अनुभव को साझा
किया। उन्होंने बताया कि इन सभी उत्पादों पर किस- किस प्रकार का कार्य किया
जाना आवश्यक है, ताकि इन्हें राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और
बाज़ार प्राप्त हो सके। ओपन हाउस डिस्कशन में महिलाओं ने उनके उत्पाद से
जुड़े सभी सवालों के सटीक जवाब डॉक्टर रूमा देवी से प्राप्त किए। इसी
कार्यक्रम में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रतिनिधियों द्वारा
प्रतिभागी उद्यमियों को आई स्टार्ट के तहत ग्रामीण एंटरप्राइज शुरू किए
जाने के संबंध में जानकारी दी गई। सुश्री अमरेश एवम श्री मनीष ने बताया कि
इस देश में उपभोक्ताओं की कोई कमी नहीं है। आई स्टार्ट के तहत ई बाजार
ऑनलाइन मार्केटिंग मंच के माध्यम से उत्पाद को दूर तक और अच्छी कीमत में
विक्रय किया जा सकता है। इस कार्यक्रम के तहत स्वयं सहायता समूहों के
द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों को और अच्छा बनाने के लिए वित्त प्रबंधन भी
किया जा सकता है। अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म के बारे में बताते हुए
इनक्यूबेशन सेंटर आदि के बारे में विस्तार से प्रजेंटेशन दिया गया ।
एडिशनल
डीसीपी सुनीता मीना ने पुलिस विभाग की महिला सशक्तिकरण की नवीन योजना
सुरक्षा सखी के संबंध में राजीविका समूहों की प्रतिभागी महिलाओं को जानकारी
दी। उन्होंने समूह की महिलाओं से अधिक से अधिक संख्या में इस योजना से
जुड़ने का आव्हान करते हुए महिलाओं-बालिकाओं की सुरक्षा हेतु सुरक्षा सखी की
हेल्प लाइन नंबर 100, 112, 1090 ध्यान रखने को कहा। निर्भया स्क्वाड से
भी उनका परिचय कराया। कार्यशाला में विभिन्न जिलों से 150 से अधिक महिला
उद्यमियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में विभाग के परियोजना निदेशक श्री
हरदीप चोपड़ा के साथ विभाग के अन्य अधिकारी एवमं कार्मिक उपस्थित थे।
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