जयपुर। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के अंतर्गत मंगलवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में आयोजित शक्ति उत्सव को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन, राष्ट्रनिर्माण का आधार है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण लिए बेहतर कार्य किये जा रहे हैं।
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर,गैस सिलेंडर जैसे कई उपायों और योजनाओं से राज्य में महिलओं का सशक्तिकरण हो रहा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन अनुसार विकसित भारत के निर्माण में राज्य की महिलाएं भी अपना योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में अच्छी सड़कों के निर्माण, आवास, पुरूषों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से भी महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर कार्य किया जा रहा है।
दिया कुमारी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में मीडिया का योगदान भी अपेक्षित है। मीडिया को महिलाओं की उपलब्धियों के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं के साथ ही पुरूषों की मानसिकता में भी बदलाव की आवश्यकता है। ऐसा करके की महिला सशक्तिकरण किया जाना संभव होगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि महिला के सशक्तिकरण में पूरे परिवार का सहयोग और योगदान की आवश्यता होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को किसी भी हाल में हार नहीं माननी चाहिए, महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि महिला उत्थान के लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा, इसी से बदलाव आएगा।
भव्य सामुदायिक सम्मेलन शक्ति उत्सव में महिला एवं बाल विकास की उपलब्धियों को साझा करने वाली 'फील्ड की चॅम्पियन्स' "चयनित सफल/सक्षम महिलाओं और युवतियों" को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पोषण और स्वास्थ्य संबंधित जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से "सुरक्षित मां , स्वस्थ बच्चा" जागरूकता अभियान का शुभारंभ भी किया गया।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इस अवसर आदिवासी महिलाओं की लगाई गई एक फोटो प्रदर्शनी का भी फीता काट कर उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी ग्रामीण महिलाओं की पोषण और शिशु देखभाल से जुड़ी समस्याओं पर केंद्रित थी, जिसमें किए गए हस्तक्षेपों के परिणामस्वरूप विविध आहार और बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजु बाघमार ने इस अवसर पर कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए उनके बेहतर स्वास्थ्य और अच्छे पोषण के साथ ही उनके मानसिक सशक्तिकरण होना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसी से बेहतर समाज का निर्माण संभव होगा। उन्होंने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण के लिए आईपीई ग्लोबल और सीआईएफएफ की ओर से किये जा रहें योगदान की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, 'सुपोषित भारत' की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में पोषण माह का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में इस वर्ष भी राजस्थान राज्य में 1 सितंबर से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया गया है।
महिला एवं बाल विकास शासन सचिव महेन्द्र सोनी ने स्वागत उद्बोधन करते हुए कहा कि हमारी उपमुख्यमंत्री महिला उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने विभागीय योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि एक भी पात्र को योजनाओं के लाभ लेने से वंचित नहीं रहने देंगे। शक्ति की इस मशाल को जलाकर रखें और इस विकास यात्रा को निरंतर गति प्रदान करें।
इस अवसर पर CIFF के फाउण्डर सर क्रिस होन ने कहा कि आज हम सिर्फ़ इस साझेदारी का ही उत्सव नहीं मना रहे हैं, बल्कि यहां की महिलाओं के जीवन में जो बदलाव आया है आज हम उसकी खुशियां भी बांट रहे हैं। 2015 से हमने महिलाओं और लड़कियों को अधिक अवसर देने के लिए शुरू की गई कुछ पहलों पर लगभग 570 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हमारे इन निवेश में कैश ट्रांसफर के लिए तकनीकी सहायता और कौशल विकास जैसी पहल शामिल हैं। अकेले राजपुष्ट कार्यक्रम ने पांच लाख महिलाओं को शामिल किया है। ये सिर्फ़ कार्यक्रम नहीं हैं, ये बदलाव के ब्लूप्रिंट हैं जिन्हें पूरे भारत और दुनिया भर में अपनाया जाना चाहिए।
सीआईएफएफ की कार्यकारी निदेशक मंजुला सिंह ने कहा कि राजस्थान सरकार के साथ मिलकर हमने जो काम किए हैं और लोगों की जिंदगी में हम जो बेहतर बदलाव लेकर आए हैं, उस पर हमें बहुत गर्व है। लड़कियों और महिलाओं पर CIFF का यह फोकस वैश्विक स्तर पर हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारा मानना है कि जब लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और रोजगार मिलता है, तो समाज पर इसका एक बड़ा असर पड़ता है। यह समाज में बदलाव लाता है और देश के विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है।
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