• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

साप्ताहिक कॉलमः दीवारों के कान

Weekly Column - Ears to the Walls - Jaipur News in Hindi

सरकारी बिल्डिंग सोना उगले, उगले करोड़ों की नकदी
उपकार फिल्म का गाना मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती काफी चर्चित हुआ था। अब पिछले दो दिन से सत्ता के मुख्य केंद्र शासन सचिवालय के पीछे स्थित योजना भवन काफी चर्चित है। हो भी क्यों ना। इस बिल्डिंग ने 1 किलो सोने के साथ 2.31 करोड़ रुपए भी उगले हैं। जाहिर है, कोई छोटा-मोटा आदमी तो यहां इतना बड़ा खजाना छिपाने से रहा। किसी बड़े अफसर या नेता का ही कारनामा रहा होगा। बताया जा रहा है सोने औऱ नकदी के साथ एक विजिटिंग कार्ड और सरकारी कांट्रैक्ट के पेपर्स भी मिले बताए, जिन्हें तत्समय जाहिर नहीं किया गया। हालांकि इसका राज अभी खुलना बाकी है। लेकिन, चर्चा इसलिए ज्यादा है कि यह मामला लोकल पुलिस के क्षेत्राधिकार का है ही नहीं। इसकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अथवा ईडी को करनी चाहिए थी। लेकिन, मुखिया जी ने यह मामला एसीबी को सौंपने से मना कर दिया बताया। इसलिए जांच भरोसेमंद पुलिस आयुक्त को सौंपी गई। बहरहाल भ्रष्टाचार की काली कमाई उजागर करने के श्रेय मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को मिल रहा है। क्योंकि सचिवालय समेत तमाम जगह ई-फाइलिंग उन्होंने ही लागू की है। इसी के तहत जहां काली कमाई के सूटकेस औऱ बैग रखे थे, वहां सरकारी फाइलों के डिजिटलाइजेशन का काम चल रहा था। फाइलों के डिजिटलाइजेशन की वजह से इन आलमारियों के ताले तुड़वाने पड़े। फिर तो खुल जा सिम-सिम की तर्ज पर खजाना बाहर आ गया। पक्ष-विपक्ष समेत सभी की निगाहें फिल इस खजाने पर टिकी हैं कि आखिर यह किस बड़े आदमी का कारनामा है।


समरथ को नहीं होश गुसाईं
एक कहावत है समरथ को नहीं दोष गुसाईं। लेकिन, राजस्थान में इन दिनों इस कहावत का अर्थ बदल गया है। प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में इसे समरथ को नहीं होश गुसाईं बोला जा रहा है। क्योंकि भ्रष्टाचार को लेकर मंत्री हो या अफसर। रसूखदारों का कुछ नहीं बिगड़ रहा है। सरकार को अपनी छवि की भी चिंता नहीं है। चर्चा हाल ही हुए प्रशासनिक फेरबदल को लेकर है। आईएएस की तबादला सूची का सचिवालय के कमरों में गहनता से विश्लेषण किया जा रहा है। चर्चा में बात शुरू होती है कि उदयपुर यूआईटी में 12 लाख की रिश्वत लेते दलाल के पकड़े जाने के बाद विभागीय प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा को हटा दिया गया। लेकिन, संयुक्त सचिव मनीष गोयल अभी भी वहीं काम कर रहे हैं। जबकि दलाली में ज्यादा भूमिका तो गोयल की बताई जा रही है। यह अलग बात है कि कुंजीलाल की नामी-बेनामी संपत्तियों की डिटेल एसीबी के अलावा सचिवालय से लेकर इंदिरागांधी पंचायतीराज तक हर शख्स के टिप्स पर है। इसी तरह वर्ष 2021 में श्रम विभाग में रहते हुए रिश्वत केस में पकड़े गए भारतीय डाक सेवा के अफसर प्रतीक झाझड़िया को उसी विभाग में फिर से लगा दिया गया। क्योंकि उनके ससुर सांसद हैं। हालांकि ज्यादा चर्चा होने के उन्हें श्रम विभाग से हटाकर आयुर्वेद में लगा दिया गया। इसी तरह दौसा मामले में एक अफसर की अभियोजन स्वीकृति जारी करने और दो अफसरों की अभियोजन स्वीकृति का 4 साल में भी फैसला नहीं होना, करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल खड़े कर रहा है।


आईएएस अफसर कभी रिटायर नहीं होते
प्रदेश का अगला मुख्य सचिव कौन होगा? कौन बनेगा करोड़पति की तरह यह सवाल ब्यूरोक्रेसी में इन दिनों खूब पूछा जा रहा है। लेकिन, हाल ही जारी हुई तबादला सूची के विश्लेषक बताते हैं कि वरिष्ठतम आईएएस वीनू गुप्ता को यह पद मिलना अब मुश्किल है। सरकार ने महिलाओं को ही प्राथमिकता दी तो शुभ्रा सिंह को कमान सौंपी जा सकती है। इसकी वजह उनके पति समीर सिंह चंदेल का स्वास्थ्य सही नहीं रहना बताया जा रहा है। वहीं मौजूदा मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को रेरा का चेयरमैन बनाए जाने की संभावना है। यह पद आईएएस एनसी गोयल को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में लगाए जाने से खाली हो गया है। इससे ऊषा शर्मा को अगले 5 साल तक पद एंजॉय करने का मौका मिल जाएगा। इनके अलावा कुछ और अफसर रिटायरमेंट के बाद सरकार में ही एडजस्ट होने की जुगत में हैं।
एडजस्टमेंट का राज्य लोकसेवा आयोग
पेपरलीक और भर्तियों को लेकर राज्य लोकसेवा आयोग इन दिनों न केवल विपक्ष बल्कि सरकार का हिस्सा रहे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के निशाने पर भी है। पायलट ने भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के खिलाफ कुछ दिन बाद ही प्रदेशव्यापी आंदोलन करने का ऐलान किया है। क्योंकि पेपर लीक को लेकर आयोग के कुछ सदस्य संदेह के घेरे में आ चुके हैं। इनमें बाबूलाल कटारा तो गिरफ्तार हो चुके हैं। पायलट और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ राज्य लोकसेवा आय़ोग (आरपीएससी) को भंग करने की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार ने आयोग में नई राजनीतिक नियुक्ति करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए मुखिया जी के ओएसडी आरएएस अधिकारी को सदस्य बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है उनकी फाइल क्लियर हो गई है। आदेश निकलने बाकी हैं। दावा किया जा रहा है कि चुनाव आचार संहिता लगने से पहले मुखिया जी अपने खासमखास एक-दो लोगों को और एडजस्ट कर जाएंगे।

भाजपा पायलट की दो मांगों के ही साथ क्यों
भ्रष्टाचार को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोलने वाले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भाजपा का भी समर्थन मिल गया है। लेकिन, सिर्फ दो मांगों पर। ये दो मांगें हैं राज्य लोकसेवा आयोग को भंग करना औऱ पेपरलीक होने से प्रभावित हुए अभ्यर्थियों को मुआवजा दिया जाना। चूंकि पायलट की तीसरी और मुख्य मांग पूर्व सीएम वसुंधराराजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच और कार्रवाई करने की है। लेकिन, इस मांग पर भाजपा उनके साथ नहीं है। अब सवाल है कि भाजपा दो मांगों पर ही पायलट के साथ क्यों है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मीडिया के सामने सफाई दी कि पेपर लीक से प्रभावित बच्चों (विद्यार्थियों) को मुआवजा मिले, यह मांग उन्होंने भी उठाई थी। राज्य लोकसेवा आयोग के सदस्य सरकारी भर्तियों के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, यह मांग भी भाजपा उठाती रही है। लेकिन, जहां तक वसुंधराराजे कार्यकाल के भ्रष्टाचार की बात है तो राठौड़ का कहना है कि पायलट खुद 19 महीने डिप्टी सीएम रहे, तब उन्होंने यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया। वे अब क्यों यह मामला उठा रहे हैं। दरअसल, राठौड़ ने भले ही खुद को वसुंधराराजे कैंप से अलग कर लिया हो। लेकिन, वह यह भी जानते हैं कि मैडम प्रभावी हैं और राजस्थान की सत्ता में आ सकती हैं। इसलिए वैर मोल नहीं लेना चाहते। क्योंकि मैडम से वैर मोल लेने पर घनश्याम तिवाड़ी, नरपत सिंह राजवी समेत कई नेताओं का हश्र वे देख चुके हैं।


चर्चा में है इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान
जवाहर लाल नेहरू मार्ग इन दिनों काफी चर्चा में है। ज्वैल्स ऑफ इंडिया प्रोजेक्ट को नियम विरुद्ध स्वीकृति मिलने का मामला हो अथवा एयरपोर्ट से जुड़ी इस रोड को सिग्नल फ्री बनाने का। इन दिनों यह रोड इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान की वजह से चर्चा में है। क्योंकि नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग से हटाए गए आईएएस कुंजीलाल मीणा को बतौर महानिदेशक इसी संस्थान में पोस्टिंग दी गई है। इससे पहले महाघूस कांड में आरोपी रहे आईएएस अशोक सिंघवी को भी इसी संस्थान में लगाया गया था। इधर, प्रशासनिक फेरबदल को लेकर ब्यूरोक्रेसी हैरान है कि नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग में कई अफसर बदल दिए गए। लेकिन, स्वायत्त शासन निदेशक हृदेश कुमार और संयुक्त सचिव मनीष गोयल को नहीं बदला जाना चौंकाता है। फिलहाल कुछ ब्यूरोक्रेट्स इनके उस आका की तलाश कर रहे हैं जिसकी वजह से इन्हें अभयदान मिला है।
महामहिम की राजनीति
राजस्थान विधानसभा में विपक्ष नेता से असम के राज्यपाल बनाए गए उदयपुर शहर के विधायक गुलाबचंद कटारिया फिर चर्चा में है। दरअसल वे इन दिनों उदयपुर नगर निगम के कार्यों का उद्घाटन कर रहे हैं। पहले भी करते आए हैं, लेकिन शहर के लोगों का कहना है कि जब वे संवैधानिक पद पर हैं तो लोकल राजनीति को वो क्यों नहीं छोड़ रहे हैं। राज्यपाल का पद संभालने के बाद दूसरी बार उदयपुर आए तो उन्होंने अपने भाषण में कहा कि किसी नेता को रिसीव करने और सीऑफ करने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। पार्टी चाहेगी जिसको वोट देगी। टिकट को लेकर दावेदारी कोई भी कर सकता है। मैं भले ही असम में हूं, लेकिन मुझे पल पल की खबर मिलती है। दो दिन पहले ही कटारिया ने उदयपुर में भाजपा शहर जिला की कोर कमेटी की बैठक ली। इसमें सभी पदाधिकारियों को बुलाकर समझाया कि वो पार्टी के हित में काम करें। एक दूसरे की टांग खिंचाई बंद करें। भाजपा का एक धड़ा मान रहा है कि राजस्थान में भाजपा के जैसे हालात बन रहे हैं, उससे लगता है कि कटारिया फिर चुनावी राजनीति में आने वाले हैं। दूसरा गुट उन्हें रोकने के लिए यह आरोप लगा रहा है कि कटारिया ने राज्यपाल पद की मर्यादा को खत्म कर दिया है। वे इस संवैधानिक पद पर होने की बावजूद सियासत करने से बाज नहीं आ रहे हैं।


-खास खबरी



(नोटः इस कॉलम में हर सप्ताह खबरों के अंदर की खबर, शासन-प्रशासन की खास चर्चाएं प्रकाशित की जाती हैं)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Weekly Column - Ears to the Walls
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: ashok gehlot, sachin pilot, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, jaipur news, jaipur news in hindi, real time jaipur city news, real time news, jaipur news khas khabar, jaipur news in hindi
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

राजस्थान से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved