जयपुर। कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय में शनिवार को इन्टर्नल क्वॉलिटी अश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) द्वारा वीकेन्ड डायलॉग सीरीज़ के दूसरे सत्र-कला एवं संवेदनशीलता का आयोजन हुआ। प्रो. हर्षवर्धन शर्मा, स्कूल ऑफ विजुअल आर्ट, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश के प्रोफेसर, बेहतरीन कलाकार एवं कला समीक्षक सीरीज़ के मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता रहे।
प्रो. शर्मा का स्वागत महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी द्वारा किया गया।
सीरीज़ के दूसरे मुख्य अतिथि एवं मध्यस्तर, महान कवि एवं कलाकार अमित कल्ला रहे। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने अमित कल्ला का स्वागत किया।
प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में कला और सेंवदनशीलता के महत्व को साझा किया। अमित ने प्रो. हर्षवर्धन के साथ संवाद कर कला और संवेदनशीलता से संबंधित कई सवाल पूछे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रो. हर्षवर्धन ने अपने जीवन चित्रण को साझा करते हुए बताया कि कलाकार होना उनके लिये जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। विभिन्न कलाओं का अंतर संबंध बताते हुए प्रो. शर्मा ने बताया कि चित्र में भी प्रकृति की झलक होती है और कला हमें संवेदनशील बनाती है।
प्रो. शर्मा ने एबस्ट्रेक्ट कला से अवगत कराते हुए बताया कि एबस्ट्रेक्ट कला प्रकृति में भी होती है और आँखों से चित्र का मर्म समझना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि भारतीय कला परम्परा 40 हजार साल पुरानी है जो भीमभेटिका, भोपाल में स्थित है। छात्राओं और प्राध्यापिकाओं ने भी प्रो. हर्षवर्धन शर्मा से कला और संवेदनशीलता पर प्रश्न पूछे और अपना ज्ञानवर्धन किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. पालू जोशी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
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