जयपुर । विश्व बैंक एवं जल शक्ति मंत्रालय द्वारा पोषित अटल भूजल योजना के तहत प्रदेश की चिन्हित 876 ग्राम पंचायतों का ‘वाटर सिक्योरिटी प्लान‘ तैयार किया जाएगा। राजस्थान सहित देश के सात राज्यों में 01 अप्रेल, 2020 से लागू इस योजना के तहत प्रदेश में होने वाले कायोर्ं के सम्बंध में शुक्रवार को भू-जल एवं जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव की अध्यक्षता में झालाना स्थित भूजल विभाग के कार्यालय में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रमुख शासन सचिव यादव ने बैठक में इस योजना के सफल क्रियान्वयन के सम्बंध में भूजल विभाग व केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि भूजल विभाग के अधिकारी राज्य में चिन्हित 876 ग्राम पंचायतों के वाटर सिक्योरिटी प्लान तैयार कर विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करते हुए भूजल संसाधनों के समुचित प्रबन्धन के लिए डिमाण्ड व सप्लाई साइड में कार्य करे ताकि राज्य में गिरते भूजल स्तर को रोकने की दिशा में सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए जा सके।
बैठक में बताया गया कि सात राज्यों के लिए लागू इस योजना की समयावधि 5 वर्ष है जिसमें कुल 6000 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है, इसमें से राजस्थान के लिए 1189 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान है, जो राज्य को ग्राण्ट के रूप में मिलेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विभाग का सुदृढ़ीकरण एवं क्षमता संवर्द्धन की मॉनिटरिंग व्यवस्था को मजबूत करना, गिरते हुए भूजल स्तर को रोकने व प्रबंधन के लिए डिमाण्ड व सप्लाई साइड के यथार्थ तरीके लागू करना है।
योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य भूजल विभाग, नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा, साथ ही पंचायती राज विभाग, जल ग्रहण एवं भू-संरक्षण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, वन विभाग, जल संसाधन विभाग तथा कृषि विभाग सहयोगी विभाग के रूप में कार्य करेंगे। प्रदेश में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा भूजल संसाधनों के प्रबन्धन पर चल रही विभिन्न अन-गोइंग स्कीमों पर परिणाम प्राप्ति (प्रोग्राम फॉर रिजल्ट) के आधार पर इन्सेन्टिव के रूप में राशि दिये जाने का प्रावधान रखा गया है।
बैठक में भूजल विभाग के मुख्य अभियन्ता सूरजभान सिंह, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक एस. के. जैन, विश्व बैंक के प्रतिनिधि एम. के. गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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