जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में घरेलू जल उपभोक्ताओं से लिया जाने वाला वाटर चार्ज समाप्त करने का निर्णय किया है। गहलोत के इस फैसले से प्रदेश के 3.36 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा और उन्हें 161 करोड़ रुपये वाटर चार्ज के रूप में नहीं अदा करने होंगे। एक अप्रैल, 2019 से जारी होने वाले पानी के बिलों में यह व्यवस्था लागू होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री के इस निर्णय के अनुसार ग्रामीण परियोजना क्षेत्रों एवं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू जल उपभोेक्ताओं से 40 एलपीसीडी पानी के उपभोग तक वाटर चार्ज अब नहीं लिया जाएगा। इससे प्रदेश की करीब 2.8 करोड़ ग्रामीण आबादी लाभान्वित होगी। इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों में चालू मीटर वाले घरेलू कनेक्शन पर 15 किलो लीटर मासिक उपभोग तक वाटर चार्ज तथा वर्तमान व्यवस्था के तहत लिए जा रहे सीवरेज और विकास शुल्क अथवा सरचार्ज अब नहीं लिए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों में जहां फ्लैट रेट बिलिंग की व्यवस्था है, वहां भी वाटर चार्ज नहीं लिया जाएगा। इसका फायदा 56 लाख की शहरी आबादी को होगा।
जलदाय विभाग ने शहरी क्षेत्रों में सघन अभियान चलाकर अगले 2 वर्ष में बंद पडे़ मीटर बदलने की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। मीटर चालू हालत में आने के बाद ऐसे शहरी घरेलू कनेक्शनों पर भी प्रति कनेक्शन 15 किलो लीटर मासिक उपभोग तक कोई वाटर चार्ज नहीं लिया जाएगा।
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