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जयपुर। अत्याधुनिक सुविधाओं के सपने दिखाकर बिल्डर अपने प्रोजेक्ट में फ्लैट की बुकिंग तो कर लेते हैं। लेकिन, मोटी रकम लेकर भी उन्हें खून के आंसू रोने पर मजबूर कर देते हैं। न समय पर फ्लैट देेते हैं और ना ही जमा रकम ही लौटाते हैं। जी हां, ऐसे ही एक मामले में राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (राज रेरा) ने वी. एन. बिल्डटेक प्रा. लि. कंपनी पर 50,000 रुपए की पेनल्टी लगाई है। इसके साथ ही यह भी आदेश दिया है कि वह ग्राहक को कानूनी कार्रवाई करने के लिए बतौर क्षतिपूर्ति 20,000 रुपए अलग से अदा करे।
दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में रहने वाली 72 वर्षीय सुमन भंडारी की शिकायत पर सुनाए फैसले में रेरा अथॉरिटी के एडजुकेटिंग ऑफिसर आर. एस. कुलहरि ने फैसले में यह भी कहा है कि ग्राहक सुमन भंडारी ने मार्च 2018 तक जो भी रकम जमा कराई है, प्रत्येक किश्त पर 12 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज लेने की अधिकारी है।
अथॉरिटी ने यह भी कहा है कि बतौर क्षतिपूर्ति ग्राहक सुमन भंडारी को उसकी जमा कुल रकम 57 लाख 74 हजार 697 रुपए पर अप्रैल, 2018 से भुगतान की तिथि तक 2.5 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज भी दिया जाए। बिल्डर कंपनी द्वारा इस राशि का भुगतान 45 दिन में करना होगा, अन्यथा इसके बाद समस्त राशि पर 2 प्रतिशत सालाना अतिरिक्त ब्याज देय होगा।
जानिए, आखिर क्या था मामलाः
ग्राहक सुमन भंडारी की शिकायत के मुताबिक उसने वी. एन. बिल्डटेक की जयपुर के सांगानेर तहसील क्षेत्र में जगतपुरा स्थित एक्सक्लूसिव 444 प्रोजेक्ट में फ्लैट नंबर ए-1111 बुक कराया था। इस फ्लैट के लिए 74 लाख 80 हजार 400 रुपए देना तय हुआ था। उसने अलग अलग समय पर इस राशि में से करीब 75 प्रतिशत यानि 57 लाख 74 हजार 697 रुपए जमा करवा दिए। लेकिन, इसके बावजूद बिल्डर ने उसके पक्ष में एग्रीमेंट टू सेल निष्पादित नहीं किया। ग्राहक सुमन भंडारी की यह भी शिकायत थी कि बिल्डर ने उससे वायदा किया था कि वह 36 प्लस 6 महीने में फ्लैट हैंडओवर कर देगा। यानि उसे 15 अप्रैल, 2018 तक फ्लैट का कब्जा देना था। लेकिन, उसने न तो फ्लैट का कब्जा दिया और ना ही जमा राशि रिफंड की।
रेरा अथारिटी ने पहले दिए थे जमा रकम ब्याज समेत लौटाने के आदेशः
ग्राहक सुमन भंडारी की शिकायत पर सुनवाई के बाद रेरा अथॉरिटी ने 26 मई, 2022 को प्रार्थना पत्र मंजूर करते हुए बिल्डर कंपनी को आदेश दिया था कि वह ग्राहक सुमन भंडारी की जमा रकम लौटाए और उस पर 9.4 प्रतिशत की सालाना दर से ब्याज का भुगतान भी करे। लेकिन, इसका पालन नहीं होने पर सुमन भंडारी ने पुनः रेरा अथॉरिटी का दरवाजा खटखटाया और मूल जमा रकम ब्याज समेत लौटाए जाने के साथ बतौर मानसिक परेशानी, हैरानी और कानूनी कार्रवाई खर्च के लिए भी मुआवजा दिलाए जाने की मांग की थी।
बिल्डर कंपनी ने रेरा अथॉरिटी में लगाए इस तरह के बहानेः
सुनवाई के दौरान रेरा अथॉरिटी में बिल्डर कंपनी वी. एन. बिल्डटेक की ओर से कहा गया कि ग्राहक सुमन भंडारी के मामले में रेरा अथॉरिटी एक बार फैसला दे चुकी है। इसलिए वह अब और कोई क्षतिपूर्ति राशि लेेने की हकदार नहीं है। कंपनी की ओर से यह भी कहा गया कि बिल्डिंग मैटेरियल उपलब्ध नहीं होने, निर्माण एक्टिविटीज पर रोक लगने, सरकार की नई नीतियों जैसे जीएसटी, नोटबंदी आ गई। इसकी वजह से अन्य अलॉटीज का पैसा समय पर नहीं मिला। इसके बाद कोविड-19 जैसी महामारी आने के कारण प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो सका। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए रेरा ने भी एक्सटेंशन दी है। लेकिन, बिल्डर की इन सब दलीलों को रेरा अथॉरिटी ने नहीं माना।
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