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राजस्थान सरकार के साथ साझेदारी का उद्देश्य नंद घर पहल के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, कुपोषण से लड़ने और गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बाल शिक्षा सुनिश्चित करना है
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जयपुर। एक ऐतिहासिक कदम के तहत, वेदांता की सामाजिक प्रभाव शाखा, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) की प्रमुख पहल, नंद घर ने राजस्थान सरकार के साथ एमओयू किया है। इस एमओयू के तहत राज्य में 25,000 नंद घर स्थापित किए जाएंगे। यह एमओयू राजस्थान सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव, महेंद्र सोनी और नंद घर, वेदांता के सीईओ, शशि अरोड़ा के बीच किया गया। इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए राजस्थान की माननीय उपमुख्यमंत्री, दिया कुमारी उपस्थित रहीं।
यह साझेदारी राज्य की महिलाओं और बच्चों के लिए एक उज्जवल और स्वस्थ भविष्य बनाने के लिए नंद घर और राजस्थान सरकार के बीच एक साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है। राजस्थान सरकार ने हमेशा कुपोषण से मुक्ति और प्रारंभिक बाल शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन पहलों को प्राथमिकता दी है जो महिलाओं के सशक्तिकरण और आगामी पीढ़ी के विकास को प्रोत्साहित करती हैं। यह सहयोग इन लक्ष्यों को साकार करने और राज्य में समग्र विकास की नींव रखने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
शशि अरोड़ा, सीईओ-नंद घर, ने कहा,"अब तक 15 राज्यों में 7000 से अधिक नंद घर स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे 2,80,000 बच्चों और 2,10,000 महिलाओं को लाभ मिला है। मैं राजस्थान सरकार का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हमें राज्य में 25,000 नंद घर स्थापित करने का अवसर दिया। इसके माध्यम से, हमारा लक्ष्य अवसर प्रदान करना, जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना और यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण भारत में हर महिला और बच्चे को आगे बढ़ने का मौका मिले, जिससे एक उज्जवल और मजबूत राजस्थान का मार्ग प्रशस्त हो सके।"
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) और राजस्थान सरकार के बीच हुए इस एमओयू का उद्देश्य राजस्थान सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप 25,000 नंद घरों का विकास करना है। नंद घर बच्चों और महिलाओं के संपूर्ण विकास के लिए तकनीकी रूप से उन्नत केंद्र हैं। आफ बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य को सुधारने, पोषण संबंधी चुनौतियों को हल करने, और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रत्येक नंद घर में स्मार्ट लर्निंग टूल्स, डिजिटल सुविधाएं, बिजली, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराए जाते हैं, जो बच्चों और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सक्षम वातावरण तैयार करता है। शिक्षा में सुधार के अलावा, ये केंद्र बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण की सुविधा प्रदान करके कुपोषण से मुक्ति पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही साथ ही यहां नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण अभियान और सामुदायिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। ये केंद्र शिक्षा में बदलाव लाने के साथ-साथ कुपोषण से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अब तक राजस्थान के 17 जिलों में 3600 से अधिक नंद घर स्थापित किए जा चुके हैं। इस साझेदारी के माध्यम से राजस्थान के सभी जिलों में इस पहल का विस्तार किया जाएगा।
नंद घर के बारे में : नंद घर, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की एक प्रमुख सामाजिक पहल है, जो देश में आँगनवाड़ी सिस्टम को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। पूरे भारत में 15 राज्यों में फैले 7000 नंद घर बदलाव और सतत विकास के प्रतीक हैं और ये अब तक 2.8 लाख बच्चों और 2.10 लाख महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला चुके हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्ल्यूसीडी) के सहयोग से स्थापित, नंद घर आधुनिक 'आँगनवाड़ी' हैं, जो बच्चों में कुपोषण को दूर करने, प्री-प्राइमरी शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण के जरिए सशक्त बनाने के लिए काम कर रही हैं। नंद घर का लक्ष्य देश भर में 13.7 लाख आँगनवाड़ियों में 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है।
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