सोशल मीडिया में उपेन को कराया ट्रेंड, 28 दिन से त्याग रखा है अन्न ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जयपुर। बेरोजगार युवाओंं के हितों के लिए आंदोलनरत उपेन यादव की हालत गंभीर बनी हुई है। वे सवाई मानसिंह अस्पताल के आईसीयू में पिछले 4 दिन से भर्ती हैं। सहयोगी हनुमान किसान के मुताबिक उनका किटोंस 4 प्लसर और शुगर लेवल 60 है। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव अजमेर में 7 फरवरी को राजस्थान लोक सेवा आयोग के बाहर युवाओं पर लाठीचार्ज करने वाले एसएचओ को सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद सरकार की ओर से उस एसएचओ पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इधर, उपेन यादव और उनकी मांगों के संबंध में प्रदेश के युवाओं ने बुधवार को सोशल मीडिया पर अभियान चलाया। इस दौरान मैं भी उपेन यादव के नाम से करीब 1.45 लाख युवाओं ने ट्ववीट करके सरकार को जगाने का प्रयास किया। बता दें कि उपेन यादव ने पिछले 28 दिन से अन्न का त्याग कर रखा है। पिछले 6 दिन से उन्होंने जल का भी त्याग कर रखा हैl
इलाज लेने से मना करने पर उपेन की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर्स ने अब उनका इस संबंध में लिखित में बयान लिया है। यादव ने हॉस्पिटल प्रशासन को फिर से लिखकर दिया है कि वे अपनी मर्जी से इलाज नहीं ले रहें है। कुछ अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदार राज्य सरकार होगी। उपेन ने कहा है कि निर्दोष युवा बेरोजगारों पर लाठीचार्ज और बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की सकती। जब तक एसएचओ को निलंबित नहीं किया जाता और मुकदमा वापस नहीं लिया जाता तब तक मेरा अनशन जारी रहेगा। इस दौरान मेरी मौत हो जाती है तो उसकी जिम्मेदार राज्य सरकार और अजमेर का एसएचओ होगा।
उल्लेखनीय है कि 7 फरवरी को अजमेर आरपीएससी के बाहर स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा परिणाम जारी करवाने एवं पेपरलीक माफियाओं को तत्काल गिरफ्तार करने और सीबीआई जांच की मांग को लेकर युवाओं ने प्रदर्शन किया था। युवा बेरोजगारों के ऊपर लाठी चार्ज करने वाले सिविल लाइंस थाना इंचार्ज को निलंबित करवाने एवं दर्ज मुकदमा वापस करवाने की मांग को लेकर 10 फरवरी से उपेन यादव ने अन्न का त्याग कर दिया था।
कार्रवाई नहीं होने से आहत होकर 3 मार्च को अन्न के साथ जल का भी त्याग कर दिया। इसके बाद अचानक तबीयत खराब हो गई थी। मानसरोवर पुलिस प्रशासन द्वारा पहले जयपुरिया हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जहां से उन्हें एसएमएस हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। एसएचओ को निलंबित करवाने एवं दर्ज मुकदमा वापस करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, सचिव, होम सेक्रेट्री, पुलिस महानिदेशक और अजमेर महानिरीक्षक को भी लिखित में ज्ञापन सौंपा था। लेकिन, इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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