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असीमित आकांक्षा और अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से छात्रों में बढ़ा अवसाद : डॉ. कुसुम

Unlimited aspiration and unhealthy competition increase depression among students: Dr. Kusum - Jaipur News in Hindi

-मेंट हैल्थ फाउण्डेशन जैसी संस्थाओं को सक्रिय करने पर बल

जयपुर।
मुक्त मंच जयपुर की 70 वीं मासिक संगोष्ठी ‘‘छात्रों में बढ़ता अवसाद, निदान और समाधान‘‘ विषय पर हुई। इसमें पूर्व आईएएस अरुण ओझा के मुख्य अतिथि थे एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नरेंद्र शर्मा कुसुम ने अध्यक्षता की। संगोष्ठी का संयोजन शब्द संसार के अध्यक्ष श्रीकृष्ण शर्मा ने किया।

डॉ नरेंद्र शर्मा कुसुम ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रसार ने हमें बहुत कुछ दिया किंतु अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा और अति महत्वकांक्षाओं ने छात्रों को अवसाद में धकेल दिया है। छात्रों द्वारा आत्महत्याएं भी इसी की परिणति है।
वित्त विशेषज्ञ आरके शर्मा ने कहा कि कोचिंग आज एक फैशन बन गया है। इसने छात्रों का चैन छीन लिया है। कोचिंग संस्थानों को बंद किया जाना चाहिए। आईएएस रिटायर्ड आरसी जैन ने कहा कि कोचिंग में टाइम जोन का ध्यान नहीं रखा जाता जिससे छात्रों पर मानसिक दबाव अवसाद में बदल रहा है।

वरिष्ठ साहित्यकार - संपादक प्रबोध गोविल ने कहा कि आरक्षण के कारण सामान्य वर्ग के प्रतिभावान छात्र उच्च पदों पर आसीन होने से वंचित हो रहे हैं। इससे वे हताशा और निराशा के शिकार हो रहे हैं।

परम विदुषी साहित्यकार डॉ सुषमा शर्मा ने कहा कि मां बाप अपने बच्चों को सुनहरे सपने दिखाकर अल्पायु में ही उन्हें शिक्षण संस्थाओं में झोंक देते हैं। ऐसे में आशातीत सफलता नहीं मिलने पर उनके ख्वाब टूट जाते हैं।

इंजीनियर दामोदर चिरानिया ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। बच्चों में माध्यमिक शिक्षा से ही कैरियर की बुनियाद डालनी चाहिए। प्रमुख चिंतक पत्रकार सुधांशु मिश्रा ने कहा कि नीति निर्धारण में हमारी आवाज को नहीं सुना जाता। शिक्षित बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिससे उनमें निराशा का भाव पैदा होता है।

मुख्य अतिथि आईएएस अरुण ओझा ने कहा कि छात्रों की गुणवत्ता को मापने का तरीका त्रुटिपूर्ण है। मूल्यांकन पद्धति को बदलने की जरूरत है। अब तक अधिकतर उत्कृष्ट कार्य टॉपर्स की बजाय ड्रॉपआउटस द्वारा किए गए हैं। पूर्व बैंकर इंद्र भंसाली ने कहा कि छात्रों के सामने आज परीक्षाओं का जाल बिछा दिया गया है। बच्चों को रुचि के अनुसार कैरियर चुनने की सुविधा होनी चाहिए। कार्यक्रम संयोजक श्री श्रीकृष्ण शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 2021 में करीब 13 हजार छात्रों ने आत्महत्या की और 4 प्रतिशत की दर से उसमें वृद्धि हो रही है। कोचिंग हब सुसाइड मंडी के रूप में बदलते जा रहे हैं। कोचिंग हब धन कमाने के माध्यम बनते जा रहे हैं। ऐसे में मेंटल हेल्थ फाउंडेशन जैसी संस्थाओं को सक्रिय किया जाना चाहिए। कोचिंग संस्थाओं में स्क्रीनिंग टेस्ट और पात्र छात्रों को ही प्रवेश दिया जाए।

संगोष्ठी में परमहंस योगिनी डॉ. पुष्पलता गर्ग, फारूक आफरीदी, ललित अकिंचन, यशवंत कोठारी, अनंत कुमार श्रीवास्तव, लोकेश शर्मा, राजेश अग्रवाल, प्रदीप खेतान और विष्णु लाल शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।

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Web Title-Unlimited aspiration and unhealthy competition increase depression among students: Dr. Kusum
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