जयपुर। जयपुर सीबीआई ब्रांच ने जयपुर के विद्याधर में कार्रवाई करते हुए लेबर डिपार्टमेंट के एक यूडीसी राजूलाल मीणा को 5 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। जयपुर के रेलवे महकमे के लिए काम करने वाले एक ठेकेदार ने अपने लाइसेंस के लिए एप्लाई किया था। लाइसेंस बनवाने की एवज में घूसखोर यूडीसी ने 7 हजार रुपए की मांग की। उसने पहले 2 हजार रुपए ले लिए और फिर 5 हजार की रिश्वत लेते हुए विद्याधर स्थित नेशनल हैंडलूम से गिरफ्तार हो गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जानकारी के अनुसार जयपुर, अजमेर और कोटा में रेल में पानी भरने का ठेका लेने वाले परिवादी ठेकेदार को जयपुर में अपना लाइसेंस बनवाना था। इसके लिए वह जयपुर के सेंट्रल लेबर डिपार्टमेंट के यूडीसी राजूलाल के पास गया। वहां उससे रिश्वत की मांग की गई। यही नहीं यूडीसी ठेकदार से यह कहकर रिश्वत मांगता रहा कि ऊपर साहब यानी लेबर कमिश्नर को भी हिस्सा देना होता है।
पानी के ठेके के लाइसेंस की फीस 4 हजार रुपए होती है और रिश्वत की रकम पहले 8 हजार मांगी गई थी, लेकिन 7 हजार में सौदा में तय हो गया। बाद में सीबीआई की जयपुर ब्रांच ने आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले में घूसखोर यूडीसी ने ठेकेदार से दूसरे जिलों में भी सेटिंग कर उसे लाइसेंस दिलाने की बात कही थी। इस मामले में सेंट्रल लेबर कमिश्नर विद्याधर नगर के कमिश्नर की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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