जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि निवेशकों को राजउद्योग मित्र पर आवेदन कर एक पावती पर प्रदेश में उद्योग शुरू करने की अनुमति देने वाली देश की एकमात्र सरकार राजस्थान की सरकार है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का प्रदेश में उद्योगों के विस्तार, रोजगार सृजन और निवेशकों पर विश्वास करने की दिशा में सबसे बड़ा और क्रान्तिकारी कदम है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसीएस उद्योग शुक्रवार को उद्योग विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय विचार मंथन षिविर के पहले दिन के सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब निवेशकों को तीन साल के लिए सरकारी दफ्तरों से अनुमतियां प्राप्त करने के लिए चक्कर काटने और निरीक्षण राज से पूरी तरह मुक्ति मिल गई है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में सरलीकरण और कुछ नया करने की दिषा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।
इससे पहले उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव एमएसएमई आलोक ने कहा कि राजस्थान में हैण्डीक्राफ्ट और ग्रामोद्योगों के विकास और विस्तार की विपुल संभावनाएं है। इसके लिए पीएमईजीपी व इसी तरह की अन्य योजनाओं से युवाओं को जोड़कर उन्हें लघु उद्यमी व रोजगारदाता बनाने के समन्वित प्रयास करने होंगे।
आलोक ने कहा कि जिला उद्योग केन्द्रों, बैंकों, खादी संस्थाओं को इन उद्यमियों को आधुनिक तकनीक व डिजाइन अपनाने को प्रेरित करने के साथ ही बिजनस के तौर तरीके व विपणन के लिए मंच उपलब्ध कराने के ठोस प्रयास करने होंगे।
उद्योग आयुक्त डा. कृृष्णा कांत पाठक ने कहा कि जिला उद्योग केन्द्रों को लाइव संस्था के रुप में विकसित करना होगा जिससे एक ही स्थान पर सभी जानकारी व सहयोग मिल सके। उन्होंने कहा कि हमें नवाचारों को अपनाना होगा। उत्पादों के मानकीकरण के साथ ही ईबाजार जैसी सुविधाओं से जोड़ना होगा।
केवीआईसी क उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नारायण शुक्ला ने बताया कि प्रदेष में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में युवाओं को स्वरोजगार के लिए 162 करोड़ रुपए की मार्जिन राषि उपलब्ध कराने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि बैकों को अंतिम तिमाही या साल के अंत में ऋण वितरण के सोच से अलग हटकर समयवद्ध ऋण वितरण को कहा। उन्होने बताया कि केवीआईसी द्वारा शहर मिशन, कुमावत सशक्तिकरण मिशन और चर्मकार सशक्तिकरण मिशन का संचालन भी किया जा रहा है।
केवीआईसी के राज्य निदेशक बद्री लाल मीणा ने इस योजना में अब तक 19656 इकाइयां स्थापित की जा चुकी है। उन्होंने कलस्टर आधारित कार्यक्रम संचालित करने की जरुरत बताई। एसएलवीसी के संयोजक प्रकाष राठी, आरबीआई के दिनेश कुमार ने भी संबोधित किया। राज्य खादी बोर्ड के सचिव हरीमोहन मीणा ने भी गतिविधियों की जानकारी दी।
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