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भरतपुर। फर्जी तरीके से लोक परिवहन बस का रजिस्ट्रेशन करवाकर चलाने के गंभीर मामले में आज न्यायालय ने दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मोहित पराशर पुत्र जगराम पाराशर निवासी जसवंत नगर, भरतपुर और इंदर सिंह निवासी कुरवरिया का नगला के रूप में हुई है।
यह मामला पिछले कुछ समय से जांच के दायरे में था, जिसमें परिवहन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें फर्जीवाड़े के इस रैकेट का पर्दाफाश करने में जुटी हुई थीं। जानकारी के अनुसार, इन आरोपियों ने मिलीभगत से लोक परिवहन बस के फर्जी दस्तावेज तैयार कर रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था और साथ ही यात्रियों की सुरक्षा भी दांव पर लगी हुई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब परिवहन विभाग ने नियमित जांच के दौरान कुछ बसों के दस्तावेजों में विसंगतियां पाईं। गहन छानबीन के बाद, पता चला कि कई बसों का रजिस्ट्रेशन गलत तरीके से कराया गया है, जिसमें इन दोनों आरोपियों की अहम भूमिका थी। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि इस रैकेट में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।
गिरफ्तारी के बाद, मोहित पराशर और इंदर सिंह को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया।
सरकारी वकील ने मामले की गंभीरता और सार्वजनिक सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभावों को उजागर करते हुए आरोपियों के लिए न्यायिक हिरासत की मांग की। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया।
इस मामले में आगे की जांच जारी है, जिसमें पुलिस फर्जी रजिस्ट्रेशन में शामिल अन्य व्यक्तियों और पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
परिवहन विभाग ने भी ऐसे सभी फर्जी रजिस्टर्ड वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है, ताकि भविष्य में इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों और फर्जीवाड़े में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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