जयपुर। जब कौशल और प्रशिक्षण प्रक्रिया की बात आती है तो सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ मिलकर कार्य करना चाहिए। उद्योग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। आरएसएलडीसी (RSLDC) ने सभी कौशल विकास योजनाओं के तहत लगभग 4.9 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया है। कॉर्पोरेशन अब भर्ती, प्रशिक्षण और डिप्लॉय मॉडल की शुरुआत के माध्यम से मौजूदा सप्लाई-संचालित कौशल से डिमांड-संचालित कौशल पर अधिक जोर दे रहा है। आरएसएलडीसी ने राज्य जल और स्वच्छता मिशन के साथ राजस्थान के 33 जिलों में जल जीवन मिशन के तहत 40,000 युवाओं को प्लंबर्स, इलेक्ट्रीशियन और फिटर के रूप में प्रशिक्षित किया है। अन्य योजनाएं जैसे - सक्षम, आईएम शक्ति, समर्थ, संकल्प, आदि भी समाज के विभिन्न वर्गों को लाभान्वित करने के लिए शुरू की गई हैं। यह जानकारी प्रबंध निदेशक, राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम, नलिनी काठोतिया ने दी। वे बुधवार को 5वें राजस्थान स्किल्स समिट के वर्चुअल एडिशन के उद्घाटन सत्र में संबोधित कर रहीं थीं। सत्र का संचालन फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के हैड अतुल शर्मा ने किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
होंडा कार इंडिया लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और डायरेक्टर प्रवीण परनजापे ने कहा कि लर्निंग एंड डवलपमेंट (एलएंडडी) एक जर्नी है न कि माइलस्टोन। इसे बदलते परिवेश के साथ विकसित करना होगा। आने वाली चुनौतियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए शिक्षा की प्रक्रिया और उसके साधनों को नया रूप देने की जरूरत है।
नैशनल लीडर - शिक्षा और कौशल विकास केपीएमजी नारायणन रामास्वामी ने कहा कि नौकरी पर सीखना, गिग वर्कर्स और गिग जॉब्स, वर्कफोर्स का भावनात्मक हिस्सा, वैश्विक वर्कफोर्स बनाने के लिए प्रशिक्षण और प्रशिक्षण जिसमें डिजिटल टेक्नोलॉजी शामिल हो, यह स्किलिंग के फ्यूचर ट्रैंड्स होंगे।
इससे पहले स्वागत भाषण देते हुए, फिक्की राजस्थान सब-कमेटी ऑन एचआर, स्किल्स एंड एज्यूकेशन, चेयरमैन सुनील कुमार यादव ने कहा कि शिक्षा और स्किलिंग इकोसिस्टम में सुधार कर भविष्य के लिए तैयारी करने की जरूरत है।
मेंबर, फिक्की राजस्थान सब-कमेटी ऑन एचआर, स्किल्स एंड एज्यूकेशन और हैड- एचआर (आरएंडडी केंद्र), हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, रतन अग्रवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
उद्घाटन सत्र के बाद, दो प्लेनैरी सत्र आयोजित हुए। पहला प्लेनैरी सत्र 'फ्यूचरिस्टिक स्किल्स फॉर रेजिलिएंट इंडिया' पर था। इस सत्र में भविष्य के कौशल; मूल्यवर्धन के लिए स्किलिंग, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग; समुदाय के भीतर स्कीलिंग; स्किलिंग एप्रोच में विविधता और समावेशिता; हाइब्रिड लर्निंग मॉडल, आदि पर चर्चा की गई। दूसरे प्लेनैरी सत्र में 'बेस्ट ऑफ स्किलिंग प्रैक्टिसिस' विषय पर चेयरमैन, फिक्की राजस्थान सब-कमेटी ऑन एमएसएमई और आईएमसी चेयरमैन, आईटीआई ब्यावर, श्री एन.के. जैन ने कहा कि मानव संसाधन को मूल कौशल को जानने, बदलाव को मैनेज करने के लिए जिम्मेदारी लेने और कार्रवाई के लिए जवाबदेह होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के साथ काम करने के अपने अनुभव भी साझा किए। इसके अलावा कुछ केस स्टडीज और कई नई पहलों पर भी चर्चा हुई।
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