जयपुर। प्राकृतिक रंगों से लकड़ी के ठप्पाें द्वारा कपड़ों पर छपाई की
परंपरागत अजरख प्रिंट के संरक्षण और संवद्र्धन के ठोस प्रयास किए जाएंगे।
उद्योग आयुक्त कृष्ण कुणाल ने बुधवार को उद्योग भवन में आयोजित बैठक
में अजरख प्रिंट कलस्टर विकसित करने के निर्देश दिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कुणाल ने बताया कि बाड़मेर विस्थापित खत्री समुदाय द्वारा अजरख प्रिंट
की शुरुआत की गई। केवल बाड़मेर जिले मेें अजरख प्रिंट पर कार्य हो रहा है
जो लुप्त होने के कगार पर है। उन्होंने बताया कि लुप्त होती अजरख प्रिंट से
युवाओं को जोड़कर अजरख प्रिंट में देशी विदेशी मांग के अनुसार डिजाइन
विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि बाड़मेर की इस परंपरागत प्रिंट की बैडशीट,
टेबल कवर, कुशन कवर के साथ ही परिधान, साड़िया, दुप्पटे की अच्छी मांग है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रंग संयोजन से तैयार अजरख प्रिंट होम फॉनसिंग व
गारमेंट दोनों क्षेत्रों में अपनी पहचान लिए हुए हैं। कुणाल ने रुडा को कलस्टर विकास के लिए अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने के
निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे माल, प्रशिक्षण, बाजार की मांग के
अनुसार डिजाइनिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था तक का काम इस कलस्टर में
योजनावद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए क्षेत्र के
युवक-युवतियाें और महिलाओं को जोड़ा जाएगा जाएगा ताकि अजरख कला को संरक्षण
के साथ ही देश-विदेश में इसके उत्पादों की उपलब्धता बनाकर रोजगार के अवसर
पैदा किए जा सके।
अतिरिक्त निदेशक उद्योग
एलसी जैन ने बताया कि अजरख प्रिंट के परिधानोें और होम फॉनसिंग उत्पादों की
दिल्ली, जयपुर, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद आदि स्थानों पर खास मांग
है। उन्होंने बताया कि अमेरिका, जापान के साथ ही योरोपिय देशों में अजरख
प्रिंट के परिधानों की मांग है।
संयुक्त निदेशक
उद्योग व रुडा के एमडी संजीव सक्सेना ने बताया कि बाड़मेर के उष्ण
वातावरण के कारण अजरख प्रिंट उत्पादन के लिए उपयुक्त है। उन्होंने अजरख
प्रिंट की अपनी ब्राण्ड वेल्यू और पहचान है। कलस्टर विकसित कर इससे युवाओं
को जोड़कर प्रशिक्षित कर इसे संरक्षित किया जा सकता है।
बाड़मेर के महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र के.सी. सैनी ने बताया कि
पहले चरण में बाड़मेर शहर, ग्रामीण, मगरा, गेहूं, कुडला, शिवकर, जालिपा आदि
क्षेत्र के 500 से अधिक युवाओं को इस कलस्टर से जोड़कर अजरख प्रिंट को
संरक्षित किया जा सकता है।
उद्योग आयुक्त से मिले पाक विस्थापितों की संस्था उजस के सोढ़ा
उद्योग
आयुक्त कृष्ण कुणाल से बुधवार को उद्योग भवन में पाक विस्थापित
महिलाओं के पुनर्वास के लिए कार्य कर रही संस्था उजस के हिन्दू सिंह
सोढ़ा ने मिलकर महिला दस्तकारों के लिए कलस्टर विकसित कर आय के साधन विकसित
करने और पुनर्वास का आग्रह किया।
कुणाल ने
बताया कि जोधपुर उद्यम प्रोत्साहन संस्थान द्वारा जोधपुर में पाक
विस्थापितों के पुनर्वास के लिए बुडन कलस्टर का संचालन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पाक विस्थापित महिलाओं के दस्तकारी को संरक्षण व आय के
साधन विकसित करने के लिए कलस्टर आधारित कार्ययोजना संचालित की जाएगा।
युनिवर्सल जस्ट सोसायटी उजस के हिन्दु सिंह सोढ़ा ने वुडन कलस्टर के
साथ ही अन्य दस्तकारी कलस्टर विकसित करने की आवष्यकता जताई ताकि परंपरागत
दस्तकारी को संरक्षित, रोजगार के अवसर और पुनर्वास किया जा सके।
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