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प्रदेश में मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने को सर्वोच्च प्राथमिकता : सराफ

Top priority to reducing maternal mortality rate in the state: Saraf - Jaipur News in Hindi

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इस कार्य में डवलपमेंट पार्टनर्स का भी सक्रिय सहयोग मिल रहा है। सराफ मंगलवार सुबह स्वास्थ्य भवन में एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आसमान परियोजना के तहत स्वास्थ्य विभाग का रिलायंस फाउंडेशन, टाटा ट्रस्ट, यूएसएड के मध्य एमओयू पर साइन किए गए। साथ ही नवीनीकरण परियोजना के तहत केयर्न एनर्जी के साथ तथा परिवार कल्याण गतिविधियों के लिए एनजेंडर के साथ एमओयू पर साइन हुए।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयासों में तकनीकी सहयोग की कड़ी में टाटा ट्रस्ट, रिलायंस फाउंडेशन तथा यूएसएड के तत्वावधान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मंगलवार को आसमान परियोजना का एमओयू साइन किया गया है। इसके तहत अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा तथा झालावाड़ जिलों में सीएचसी व पीएचसी स्तर तक अधिक प्रसव भार वाले चिकित्सा संस्थानों पर गुणवत्तापूर्ण प्रसव सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि इन संस्थानों के तकनीकी सहयोग से इन केंद्रों पर चिकित्सक तथा नर्सिंगकर्मियों के तकनीकी कौशल में सुधार लाया जाएगा और प्रसव पूर्व व पश्चात प्रभावी प्रसव चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

सराफ ने बताया कि आसमान परियोजना द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों पर तकनीकी सहयोग भी दिया जाएगा। साथ ही टेबलेट, डिजिटल रिकॉर्डिंग सिस्टम आदि भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस परियोजना में इन तीनों संस्थाओं द्वारा मिलकर अगले तीन वर्षों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधित कार्यों पर लगभग 70 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।

आपातकालीन प्रसव सेवा में सहयोग के लिए आगे आया केयर्न फाउंडेशन
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि केयर्न फाउंडेशन प्रदेश के बाड़मेर जिले में आपातकालीन प्रसव सेवा में सहयोग के लिए आगे आया है। उन्होंने बताया कि केयर्न फाउंडेशन के सहयोग से बाड़मेर जिले के बायतु, सिंदरी, धोरीमन्ना एवं बालोतरा के एफआरयू में 24 घंटे स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विषेषज्ञ सहित निश्चेतन विशेषज्ञ की सेवाएं भी नियमित उपलब्ध होंगी। इन तीनों के उपलब्ध होने से अब इन चारों एफआरयू पर आपातकालीन प्रसव सुविधाएं सहित सिजेरियन प्रसव की सेवाएं भी शुरू हो जाएंगी।

अगले तीन वर्षों में व्यय होंगे 9 करोड़ रुपए
सराफ ने बताया कि केयर्न फाउंडेशन द्वारा इन कार्यों पर अगले तीन वर्षों में लगभग 9 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे तथा अगले चरण में केयर्न फाउंडेशन द्वारा अन्य जिलों में भी 25 और एफआरयू पर ये सेवाएं सुलभ करवाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में आपातकालीन प्रसव सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में 153 एफआरयू चिन्हित किए गए हैं। इन केन्द्रों पर स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ और निश्चेतन विशेषज्ञ की सेवाएं सुनिश्चित करने के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

एनजेंडर हेल्थ संस्था सुधार लाने के लिए कर रही है कार्य
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि एनजेंडर हेल्थ संस्था वर्ष 1988 से देश में परिवार नियोजन, प्रजनन एवं मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के साथ ही इनमें आवश्यक सुधार लाने के लिए कटिबद्ध होकर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि एनजेंडर हेल्थ संस्था झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान में कार्यरत है।

दूसरे चरण में बढ़ाया जाएगा परियोजना का कार्यक्षेत्र
सराफ ने बताया कि एनजेंडर हेल्थ जून 2014 से मार्च 2017 तक ई.ए.आई.एस.आई. परियोजना के तहत चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के 25 जिलों के 138 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन की सेवाओं में सहयोग कर रही है। प्रथम चरण में एनजेंडर हेल्थ द्वारा 1 हजार 21 हेल्थ वकर्स को आईयूसीडी व पीपीआईयूसीडी का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि ईएआईएसआई परियोजना के तहत द्वितीय चरण में इसका कार्यक्षेत्र बढ़ाकर संपूर्ण राजस्थान में किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत अगले 3 वर्ष में प्रदेश के 92 नव चयनित स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन सेवाओं को विकसित किया जाएगा।

तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने के किए हैं प्रयास : गुप्ता
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वीनू गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के साथ ही तकनीकी कौशल को भी बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं सुलभ कराने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए आवश्कतानुसार निजी चिकित्सकों की भी सेवाएं ली जा रही हैं।

इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक एनएचएम बी.एल. कोठारी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. वी.के.माथुर, परियोजना निदेशक मातृत्व स्वास्थ्य डॉ. तरुण चौधरी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे। एमओयू पर रिलायंस फाउंडेशन के उमेश भंडारी, केयर्न के महेन्द्र यादव, टाटा ट्रस्ट के बी.एस. तारापोरेवाला, एनजेंडर के सेनगुप्ता ने हस्ताक्षर किए।

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