जयपुर। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि कोटा संभाग के सीएडी
क्षेत्र में सोयाबीन फसल में कीट व्याधि प्रकोप के निरीक्षण के लिए कृषि
आयुक्तालय से एक उच्चस्तरीय अधिकारियों का दल भेजा जा रहा है। उन्होंने
बताया कि यह दल सीएडी क्षेत्र में आने वाले कोटा, बूंदी बारां की सात
पंचायत समितियों का दौरा करेगा और वहां सोयाबीन फसलों मे लगे रोगों की
रोकथाम के प्रयासों की निगरानी रखेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सैनी
गुरुवार को सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर सोयाबीन में कीट व्याधि
नियंत्रण के लिए आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने
बताया कि कृषि विभाग के आंतरिक सर्वे में कोटा संभाग के सीएडी क्षेत्र में
सोयाबीन फसल के सेमीलूपर, तम्बाकू इल्ली, फली छेदक, गर्डल बीटल आदि रोगों
से प्रभावित होने की आशंका जताई थी। इन रोगों की वजह से किसानों की सोयाबीन
की फसल को कोई नुकसान न हो, इसलिए पहले ही रोकथाम के प्रयास कर लिए गए
हैं।
उन्होंने बताया कि कोटा संभाग की सीएडी
क्षेत्र के 10 हजार किसानों को 9500 हेक्टेयर के लिए पौध संरक्षण रसायन
वितरित करने के लिए 50 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
किसानों को सोयाबीन की फसल में लगने वाले कीट गर्डल बीटल, सेमीलूपर, फली
छेदक और तम्बाकु की इल्ली के नियंत्रण के लिए रसायन की कीमत का 50 प्रतिशत
या अधिकतम 500 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान किसानों को अधिकतम 2
हेक्टेयर तक ही प्रदान किया जाएगा।
सैनी ने
बताया कि किसान इस अनुदान के लिए नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि
अधिकारी से सम्पर्क करके सहकारी संस्थाओं से यह कीटनाशक अनुदान पर प्राप्त
कर सकता है। बैठक में कृषि विभाग के आयुक्त विकास सीतारामजी भाले,
संयुक्त निदेशक केसी मीना, एच.एस. मीना, सहायक निदेशक बीएल
जाट सहित कई उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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