जयपुर । राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार रोमांच कुछ ज्यादा बढ़ गया है। पहली बार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट टोंक से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट और डॉ. सीपी जोशी नाथद्वारा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे है। वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस विधानसभा चुनाव में केंद्रीय भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ही आगे सीएम के रूप में प्रोजेक्ट किया है और सीएम राजे के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जा रहा है। लेकिन कांग्रेस में सीएम का चेहरा अभी तक तय नहीं है, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के नेता चुनाव लड़ने की बात कह रहे है। यह चुनाव इसलिए भी रोचक है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जैसे पूरे प्रदेश की सर्वमान्य नेता है, इनके अलावा प्रदेश भाजपा में कोई भी चेहरा प्रदेशव्यापी सर्वमान्य नहीं है। वहीं सीएम राजे को घेरने के लिए राजस्थान कांग्रेस के सभी दिग्गज कांग्रेसी नेता चुनाव मैदान में है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अकेले कांग्रेस के तीन प्रदेश स्तर के बड़े चेहरों पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ सचिन पायलट, और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सीपी जोशी से प्रतिष्ठा की लड़ाई है। आपको बता दे कि अलवर और अजमेर लोकसभा उपचुनाव में पीसीसी चीफ सचिन पायलट और पूर्व मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह चुनाव मैदान में नहीं उतरे थे। लेकिन अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर कांग्रेस के सभी दिग्गज चुनाव मैदान में है।
वहीं प्रदेश भाजपा इस बार 200 विधानसभा सीटों में 180 सीटें जीतने के बाद कह रही है। जबकि कांग्रेस पार्टी बार-बार यह कह रही है कि जनता मन बना चुकी है,कि वसुंधरा सरकार की विदाई तय है।
जबकि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व यह मन बना चुका है कि किसी तरह राजस्थान में एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा सरकार का मिथक तोड़ा जाए, और लगातार दूसरी बार यहां पर भाजपा की सरकार बने।
कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने एक-एक राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को यहां मीडिया का प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया है। साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के आरोपों के पलटवार के लिए नियमित रूप से प्रदेश भाजपा के मीडिया सेंटर पर भी भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता या केंद्रीय मंत्री प्रेस वार्ता करके जवाब देते है।
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