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फायर सेफ्टी एवं अन्य सुरक्षा प्रबंधों में नहीं रहे कोई कमी, लापरवाही पर संस्थान प्रभारी होंगे जिम्मेदार - चिकित्सा मंत्री

There should be no shortcomings in fire safety and other security arrangements, the institute in-charge will be held responsible for any negligence - Medical Minister - Jaipur News in Hindi

जयपुर,। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में रोगियों एवं उनके परिजनों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि अधिकारी सभी चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी सहित अन्य सुरक्षा व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। किसी भी चिकित्सा संस्थान में सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कमी पाई गई तो संबंधित चिकित्सा संस्थान के प्रभारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी और किसी भी तरह की घटना पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। चिकित्सा मंत्री मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा प्रबंध, मौसमी बीमारियों, मानव संसाधन, जांच, दवा एवं उपचार की व्यवस्थाओं सहित अन्य विषयों पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत दिनों एसएमसएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में हुई आग की घटना बेहद दुःखद है। ऐसी घटनाओं से सबक लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शत-प्रतिशत चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी ऑडिट सुनिश्चित की जाए। न केवल राजकीय बल्कि निजी चिकित्सा संस्थानों में भी फायर सेफ्टी नियमों की पूर्ण पालना सुनिश्चित हो। खींवसर ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी उपकरण क्रियाशील हों और इस स्थिति में हों कि आवश्यकता होने पर उनका उपयोग किया जा सके। प्रभारी अधिकारी इसकी नियमित मॉनिटरिंग करें। समय-समय इन उपकरणों की टेस्टिंग की जाए। साथ ही, अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर मॉक ड्रिल भी की जाए। उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों में इस वर्ष फायर सेफ्टी ऑडिट नहीं हुई है, वे तत्काल कराएं। कहीं भी सुरक्षा प्रबंध को लेकर बजट आदि की आवश्यकता है तो प्रस्ताव विभाग को भिजवाएं।
एनपीए लेने के बाद भी प्रेक्टिस की तो होगी कार्रवाई
चिकित्सा मंत्री ने सख्त हिदायत दी कि ऐसे चिकित्सक जो नाॅन प्रेक्टिस अलाउंस ले रहे हैं, वे प्राइवेट प्रेक्टिस नहीं करें। अगर ऐसा पाया जाता है तो नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा संस्थानों में प्रशासनिक पदों पर पदस्थापित अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा से निर्वहन करें, ताकि अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं माकूल रहें।

मौसमी बीमारियों पर रखें नजर, जहां केस ज्यादा वहां बरतें सतर्कता
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बारिश थमने के बाद विगत दिनों में मौसमी बीमारियों के केस बढ़ने लगे हैं। अधिकारी डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया एवं स्क्रब टायफस सहित अन्य मौसमी बीमारियों की स्थिति पर निगरानी रखें। सभी चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा एवं उपचार के माकूल इंतजाम रखे जाएं। जहां केस ज्यादा सामने आ रहे हैं, वहां विशेष सतर्कता बरतते हुए रोकथाम गतिविधियां बढ़ाई जाएं। रेपिड रेस्पॉन्स टीमों के माध्यम से उपचार व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाए। हर जिले में एवं राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित हों।

अधिकारी नियमित रूप से करें निरीक्षण

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य, संभाग एवं जिला स्तरीय अधिकारी समय-समय पर चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति का जायजा लें। निरीक्षण के दौरान भवनों की स्थिति, निःशुल्क दवा योजना में आपूर्ति की जा रही दवाओं के स्टोरेज, वितरण आदि को भी आवश्यक रूप से जांचें, ताकि किसी भी तरह के हादसों से बचा जा सके। उन्होंने चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ को नियमित रूप से अस्पताल में उपस्थित रहने के निर्देश दिए।
राजकीय कार्यों के सम्पादन में रहे पूर्ण पारदर्शिता
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी ऑडिट एवं अन्य सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित करने में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कहीं भी हादसा हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यूटीबी पर होने वाली भर्तियों में पूर्ण पारदर्शिता बरतने, एम्बुलेंस सेवाओं के सुचारू संचालन एवं आईपीडी सेवाआंे वाले चिकित्सा संस्थानों में 24 घंटे स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजकीय कार्यों के सम्पादन में वित्तीय नियमों एवं प्रावधानों की पूर्ण पालना हो। कहीं भी वित्तीय अनियमितता सामने आई तो ऑडिट करवाकर एक्शन लिया जाएगा।
आरएमआरएस की राशि से पूरी करें तात्कालिक आवश्यकताएं
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने कहा कि मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्य एवं अस्पताल अधीक्षक अपने प्रशासनिक दायित्वों में किसी तरह की लापरवाही नहीं करें। अस्पताल के भवन से लेकर सभी व्यवस्थाओं पर उनकी कड़ी निगरानी होनी चाहिए। आरएमआरएस की राशि का सदुपयोग करते हुए तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा किया जाए।

स्वास्थ्य कार्यक्रमों का डाटा आवश्यक रूप से पोर्टल पर दर्ज हो
मिशन निदेशक एनएचएम डाॅ. अमित यादव ने कहा कि प्रदेश में संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों से संबंधित डाटा तत्काल प्रभाव से पोर्टल्स पर दर्ज किया जाए, ताकि उन कार्यक्रमों में वास्तविक परफोरमेंस की अद्यतन जानकारी उपलब्ध हो सके।
दवाओं का भण्डारण समुचित रूप से हो
आरएमएससीएल के प्रबंध निदेशक पुखराज सेन ने कहा कि दवाओं की आपूर्ति एवं वितरण को लेकर किसी भी प्रकार की समस्या हो तो तत्काल अवगत कराएं। साथ ही, चिकित्सा संस्थान प्रभारी यह ध्यान रखें कि दवाओं का भण्डारण नियमानुसार हो।
झोलाछाप चिकित्सकों एवं क्लिनिक्स पर करें कार्रवाई
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने झोलाछाप चिकित्सकों और अनाधिकृत रूप से संचालित चिकित्सा केन्द्रों का समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण कर लीगल एक्शन लेने के निर्देश दिए। उन्होंने उपलब्ध मानव संसाधन एवं रिक्त पदों की जानकारी तत्काल प्रभाव से राज हैल्थ पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश भी दिए। साथ ही, प्रदेशभर में मौसमी बीमारियों की स्थिति से अवगत कराया।
सीपीआर का प्रशिक्षण दिया
बैठक के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 13 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक संचालित सीपीआर जागरूकता सप्ताह की गतिविधियों के संबंध में भी जानकारी दी गई। एसएमएस अस्पताल की विशेषज्ञ टीम द्वारा डेमोन्ट्रेशन के माध्यम से विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया। बैठक में सभी स्वास्थ्यकार्मिकों सहित स्वयं सेवी संगठनों व जागरूक नाागरिकों के लिए हृदयघात, हृदय स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों में सीपीआर प्रक्रिया के प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के निर्देश भी दिये गये।

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