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मानवता की सेवा में कोई नियम नहीं, एक दस्तावेज से ही पत्रकारों को सहायता - डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़

There are no rules in the service of humanity, only one document helps journalists - Dr. Pragya Paliwad Gaur - Jaipur News in Hindi

जयपुर। केन्द्र सरकार में अधिस्वीकृत और गैर-अधिस्वीकृत का अंतर नहीं रखा गया है। कोई भी एक दस्तावेज ऐसा होना चाहिए, जो पत्रकार होना साबित करे। कोरोना से दिवगंत पत्रकारों की सहायतार्थ कोई भी आवेदन आने के बाद अधिकारी अपने स्तर पर फील्ड से भी रिपोर्ट मंगवाते हैं और पत्रकार परिवार को हरसंभव मदद की जाती है। केन्द्र सरकार का नजरिया हमेशा ही मदद करने का रहा है। यह कहना है कि पत्र व सूचना मंत्रालय (पीआईबी) राजस्थान की महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ का । मंगलवार को जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) की ओर से प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा व प्रदेश महासचिव संजय सैनी के निर्देशन में 'कोरोनाकाल में मीडियाकर्मियों की समस्याओं और समाधान पर चर्चा विषयक इस वेबिनार में बताया कि पत्रकार साबित करने के लिए संस्थान का नियुक्ति पत्र, पहचान पत्र, बाइलाइन स्टोरीज, वेतन पर्ची अथवा संस्थान से बैंक में आने वाले भुगतान का विवरण आदि कोई भी एक दस्तावेज पर्याप्त है। इसे आवेदन के साथ अवश्य लगाएं। वेबिनार की मुख्य अतिथि डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने विभाग की मेल आईडी साझा करते हुए कहा कि भले ही ग्रामीण पत्रकार हों या डिजिटल-इलेक्ट्रोनिक मीडिया में कार्यरत पत्रकार हों, जो कोरोनाकाल में दिवंगत हुए हैं उनके परिवारों से आवेदन जरूर करवाया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब तक डिजिटल मीडिया से जुड़ा ऐसा कोई मामला उनके पास नहीं आया है। अब तक कोरोनकाल में पीआईबी की तरफ से राजस्थान के 11 पत्रकारों को 5 लाख तक की सहायता दी गई है। उन्होंने पीआईबी की कोरोनाकाल के अलावा पत्रकारों की सहायता की अन्य योजनाओं की भी जानकारी दी। वेबिनार के विशिष्ट वक्ता सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त निदेशक अरुण जोशी ने कहा कि राज्य सरकार पत्रकारों के हित में सराहनीय कार्य कर रही है। कोरोना की वजह से असमय दिवंगत हुए अधिस्वीकृत पत्रकारों को 50 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। कोरोना से दिवगंत पत्रकारों के परिजनों की पत्रावलियां सरकार को अग्रेषित की गई हैं। इसके लिए आवेदन जिला कलेक्टर के माध्यम से करना होगा। इस योजना में गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों के आश्रितों को भी मदद उपलब्ध हो सके, इसके लिए पत्रकार संगठनों, विभाग व सरकार के मध्य चर्चा जारी है। उन्होंने जार से आग्रह किया कि वे ऐसे पत्रकारों की भी सूची बनाकर उनके परिवारों से विभाग में आवेदन जरूर करवाएं, ताकि जैसे ही इस पर कोई निर्णय हो तो उन्हें सम्बल उपलब्ध हो सके।संयुक्त निदेशक ने यह भी माना कि डिजिटल मीडिया में कार्यरत पत्रकारों को मदद के लिए डिजिटल मीडिया पॉलिसी पर काम चल रहा है। उन्होंने वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 285 पत्रकारों को सम्मान राशि प्रदान की जा रही है।
वेबिनार के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार व जयपुर महानगर टाइम्स के प्रधान सम्पादक गोपाल शर्मा ने कहा कि कोरोना काल ने कई परिवारों से उनकी छत्रछाया छीन ली। पत्रकारिता करते हुए पत्रकारों के साथ उनके परिजन भी संक्रमित हुए। इस बीमारी से कई युवा पत्रकारों का निधन हो गया। ऐसे पत्रकार शहीद है, जिन्होंने अपना फर्ज निभाते हुए अपनी जान कुर्बान की। आज उनके परिवारों को सम्बल की अत्यंत आवश्यकता है। केन्द्र व राज्य सरकार सम्बल भी प्रदान कर रही है, लेकिन राज्य में अधिस्वीकृत और गैर-अधिस्वीकृत श्रेणी के चलते बहुत गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों के परिवार राजकीय सहायता से वंचित हैं। महामारी के संकट की इस घड़ी में मानवता के लिए यह भेद मिटाकर समान दृष्टि से सभी को सम्बल पहुंचाने पर विचार करना जरूरी है। सरकार इस पर पहल करे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा का उदाहरण देते हुए कहा कि भूखण्ड आवंटन की चर्चा के समय उन्होंने सभी पत्रकारों को समान मानने के निर्देश दिए थे। इस भेद को मिटाने के लिए सूचना व जनसम्पर्क विभाग सरकार व पत्रकारों के बीच सेतु का काम करें। यह भेद मिटा तो पत्रकारों के साथ मानवता का भी भला होगा। राजस्थान में अब तक 50 के करीब पत्रकारों का कोरोना से निधन हो गया है। पत्रकारों की सहायता के लिए जार ने आवाज उठाई है और संगठन हमेशा पत्रकारों और पत्रकार परिवारों के साथ खड़ा है। सिर्फ दिवंगत पत्रकारों ही नहीं, बीमारी के दौरान आर्थिक संकट से जूझने वाले पत्रकार परिवारों की ओर भी सरकार को ध्यान देना होगा।उदयपुर जार टीम की मेजबानी में हुई इस वेबिनार में जार के प्रदेश महासचिव संजय सैनी ने जार की ओर से पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को समय-समय पर दिए गए ज्ञापन व प्रयासों की जानकारी दी। अंत में प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा ने वेबिनार में मौजूद सभी जिलाध्यक्षों, प्रदेश पदाधिकारियों व जार सदस्यों से कोरोनाकाल में संकट में दिवंगत पत्रकारों की सूची बनाने के साथ उनके परिवारों से आवेदन कराने के लिए सम्पर्क करने के निर्देश दिए।

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