जयपुर। जवाहर कला केंद्र (जेकेके) की पाक्षिक नाटक योजना के तहत रंगायन में उर्दू नाटक ‘रूहें’ का शुक्रवार को मंचन हुआ। एस. एम. अजहर द्वारा लिखित एवं निर्देशित लिटिल थेस्पियन की इस पेशकश में एक राज्य की अस्थिरता के साथ ही उसके गौरव की कहानी प्रदर्शित की गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नाटक के माध्यम से मानवीय भावनाओं और संघर्षों का कोलाज प्रस्तुत किया गया। नाटक के केंद्र में एक शाही कब्रिस्तान है। लंबे समय से अनेक आत्माएं बाहर आने के लिए संघर्ष कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर वर्तमान पीढ़ी मौजूदा हालात से निपटने की कोशिश में संघर्षरत है क्योंकि ये जानते हैं कि “नफरत से कभी भी खुशी हासिल नहीं हो सकती” है। नाटक में संघर्ष के विभिन्न रंगों को दर्शाया गया - अतीत एवं वर्तमान, सही एवं गलत और अभिजात वर्ग एवं लोकतंत्र के बीच का संघर्ष को बड़ी बारीकी से उकेरा गया है।
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