जयपुर। राजस्थान विधानसभा ने शुक्रवार को राजस्थान न्यायालय फीस तथा वाद मूल्यांकन (संशोधन) विधेयक-2020 ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले विधि एवं विधिक कार्य मंत्री शांती कुमार धारीवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा के बाद धारीवाल ने कहा कि गरीब और पीड़ित के मान-सम्मान को कायम रखने के लिए यह विधेयक लाया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
धारीवाल ने कहा कि मानहानि की नुकसानी के दावों के मामले में न्यायालय फीस अधिकतम 25 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मानहानि के मामलों में ज्यादातर सक्षम व्यक्ति ही सक्षम व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा करता है। गरीब व्यक्ति अधिक फीस के कारण मुकदमा नहीं कर पाता है।
धारीवाल ने कहा कि जो लोग अधिक फीस के कारण न्यायालय नहीं जा पाते थे उनकी हिचक को दूर करने के लिए यह विधेयक लाया गया। ताकि गरीब व्यक्ति को भी यह अधिकार मिले कि वह कम फीस में भी मानहानि का दावा कर सके। उन्होंने कहा कि धन की वसूली व नुकसान सम्बंधी दावों की कोर्ट फीस को यथावत रखा गया है।
सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए प्रचारित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
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