जयपुर। प्रदेश रजिस्ट्रार सहकारिता मेघराज सिंह रतनू ने कहा कि आम लोगों की गाढी कमाई हडपने वाली विभिन्न मल्टी
स्टेट क्रेडिट सोसायटियों की संपत्तियों को शीघ्र ही चिन्हित किया जाए एवं चिन्हित
संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि लोगों का पैसा गबन
करने वाली ऐसी सोसायटियों के खिलाफ इस्तगासा दायर करने में भी तत्परता बरती जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रतनू
मंगलवार को सहकार भवन में मल्टी स्टेट क्रैेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के अवसायकों
की समीक्षा बैठक को वीसी के द्वारा संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अवसायक
धोखाधड़ी करने वाली सोसायटियों की संपत्ति का पता करने के लिए पीड़ित लोगों से भी
सम्पर्क करें एवं संपत्ति के बारे में जानकारी ले। उन्होंने कहा कि लेनदारियों एवं
देनदारियों की भी विस्तृत सूचना तैयार करें।
उन्होंने
कहा कि राज सहकार पोर्टल पर 1 लाख 10 हजार 523 शिकायतें प्राप्त हुई है तथा 10 हजार 636 इस्तगासे न्यायालय में प्रस्तुत
किये गए है। उन्होंने निर्देश दिए कि इस्तगासा दायर करने में शीघ्रता लाए और जिन
पीड़ित लोगों को अभी तक सूचित नही किया है उन्हें सूचित करें। उन्होंने उप
रजिस्ट्रार, सिरोही एवं उप रजिस्ट्रार, जयपुर द्वारा तीन-तीन सोसायटियों की निरीक्षण रिपोर्ट नहीं
भेजने को गंभीरता से लिया।
रजिस्ट्रार
ने इस्तगासा दायर करने एवं संपत्ति कुर्क करने में लापरवाही बरतने पर उप
रजिस्ट्रार, बाड़मेर एवं उप रजिस्ट्रार, जोधपुर को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिन सोसायटियों का निरीक्षण नही हुआ है उनका निरीक्षण करे एवं
ऑडिट रिपोर्ट विभाग को भिजवायें। श्री रतनू ने लोगों को भी आह्वान किया कि अवैध या
अपंजीकृत किसी भी सोसायटी में अधिक ब्याज के लालच में आकर निवेश ना करे एवं ठगी का
शिकार नही बने।
सहकारिता
विभाग की ओएसडी महेन्द्र सिंह राघव ने कहा कि BUDS ACT 2019 के लागू होने की तिथि 21 फरवरी, 2019 को या इसके पश्चात यदि कोई मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसायटी
नॉन वोटिंग मेंबर से निवेश लेती है, तो निवेशक संबंधित पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता
की धारा 420, 406 एवं BUDS ACT की धारा 3/21 के तहत सीधे एफआईआर
दर्ज करा सकते हैं।
उन्होंने
कहा कि दोषी सोसायटीज की संपत्ति को कुर्क कर नीलाम करने का अधिकार सरकार द्वारा
अधिसूचित अधिकारियों को प्राप्त हैं। अतः किसी सोसायटी की चल/अचल संपत्ति की
जानकारी आमजन को है तो इसकी सूचना जिला उप रजिस्ट्रार/रजिस्ट्रार सहकारी समितियां
को दे सकते हैं। बैठक में संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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