जयपुर। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और विजन से तैयार नई शिक्षा नीति देश के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में सार्थक साबित होगी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राजस्थान सरकार द्वारा भी बालिका शिक्षा और उनके कल्याण के लिए नई योजनाएं लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की नई की बारात लिख रही है। उन्होंने बेटियों का आवहान किया कि वे असंभव शब्द को अपनी डिक्शनरी से हटाकर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़े और राजस्थान का नाम रोशन करें।
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उप मुख्यमंत्री ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित बालिका शिक्षा प्रोत्साहन एवं पाठ्य पुस्तक मण्डल स्वर्ण जयंती समारोह की मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सौ प्रतिशत प्रयास करने से निश्चित ही सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि पहले की तरह अब लोगों को जूझना नहीं पड़ता। आधुनिक तकनीक के युग में कंप्यूटर, मोबाइल और गूगल, इंटरनेट ने जीवन को आसान बना दिया है। यह कार्यक्रम स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल और राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
दिया कुमारी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति, बेटी बचाओ—बेटी पढ़ाओ योजनाओं, सुकन्या योजनाओं व बालिका समृद्धि योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना जैसी कई योजनाएं चल रही हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बालिका शिक्षा व महिला सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। राजस्थान सरकार भी शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस साल के बजट में अल्प आय वर्ग, किसानों और खेती और श्रमिकों के परिवारों के छात्र-छात्राओं को केजी से पीजी तक निःशुल्क शिक्षा देने का निर्णय लिया गया है। शिक्षण संस्थानों के भवनों की मरम्मत, कक्षा कक्ष, बालिका शौचालय, छात्रावास हेतु 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बजट में कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों तथा कक्षा 9 से 12वीं तक की छात्र-छात्राओं को स्कूल बैग, किताबों व यूनिफार्म के लिए प्रति विद्यार्थी रूपये 1000 देने की घोषणा भी हमने की है। दिया कुमारी ने कहा कि लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत गरीब परिवार की बालिकाओं के जन्म पर एक लाख रुपए का सेविंग बॉन्ड तथा लखपति दीदी योजना में 5 लाख परिवारों की आय को एक लाख रुपए वार्षिक तक ले जाने का कार्य किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना की राशि को रूपये 5000 से बढ़ाकर 6500 किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों महिला सुरक्षा एक चिंता का विषय रही है इसको ध्यान में रखते हुए लाडली सुरक्षा योजना के तहत सार्वजनिक स्थानों पर बालिका छात्रावास व नारी निकेतनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का निर्णय लिया गया है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप नई शिक्षा नीति को चरणवार लागू करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, यह नीति गत सरकार के समय किन्हीं कारणों से गति नहीं पकड़ पाई थी, मगर अब हमारा इस पर पूरा फोकस है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थी जहां एक ओर आर्ट्स के साथ मैथ्स या साइंस के साथ आर्ट्स की पढ़ाई के अवसर प्रदान करने की दिशा में सोचा गया है, वहीं प्रारम्भिक शिक्षा, मातृभाषा और स्थानीय भाषा में देने सहित 12वी कक्षा पास करने के बाद विद्यार्थियों को रोजगार के योग्य सक्षम बनाने के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।
दिलावर ने कहा कि हमारी बेटियां किसी से कम नहीं है, वे आज हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाते हुए आगे बढ़ रही है। बहिने और बेटियों को प्रोत्साहन और अवसर देने की जरूरत है, जिससे वे हर क्षेत्र में देश की सेवा के लिए आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बालिका सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, स्कूल शिक्षा विभाग के तहत बालिकाओं की सुरक्षा के लिए तत्पर रहने और उनसे दुर्व्यवहार के प्रकरणों में सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। वहीं स्कूल समय की अवधि में शिक्षक बच्चों की पढ़ाई के समय में कटौती करते हुए देवी देवताओं की पूजा और नमाज के लिए नहीं जाए, इस सम्बंध में भी गाइडलाइन जारी की जाएगी।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और शिक्षा मंत्री ने प्रतिभावान बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए वहीं स्टेट ओपन स्कूल के मोबाइल और ई-कंटेंट तथा राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल के सॉफ्टवेयर, निर्देशिका तथा छठी कक्षा के लिए इंग्लिश ग्रामर की पुस्तक का भी विमोचन किया।
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल और राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल के कार्यों में कंप्यूटरीकरण एवं तकनीकी नवाचार से सेवाओं के एक डिजिटल युग की शुरुआत की जा रही है। स्टेट ओपन स्कूल के पूरे सिलेबस के आधार पर वीडियो लेक्चर तैयार कराए गए है। उन्होंने बताया कि पाठ्य पुस्तक मंडल नर्सरी से 12वीं तक की 347 पुस्तकों का हिन्दी और अंग्रेजी में प्रकाशन किया जा रहा है। कार्यक्रम में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी, राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के निदेशक प्रवीण लेखरा, राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल के सचिव विनोद पुरोहित, एजुकेट गर्ल के सीईओ महर्षि वैष्णव सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी, अभिभावक, शिक्षाविद् और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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